गोंदिया : महाराष्ट्र राज्य में नागरिकों को सेवाओं का अधिकार देने के लिए महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम-2015 लागू किया गया है और इस कानून के अनुसार राज्य के नागरिकों को पारदर्शी, गतिशील और समय पर सेवाओं का लाभ प्राप्त करने का अधिकार मिला है. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी सेवाएं आम नागरिकों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है. लेकिन कई विभागों के माध्यम से नागरिकों को ऑफलाइन सेवाएं प्रदान करने के कारण नागरिकों को बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है और कानून का उद्देश्य सफल नहीं हो पाता है. इसलिए जिलाधीश चिन्मय गोतमारे ने निर्देश दिया कि सभी विभाग प्रमुख इस अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करें और नागरिकों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करें.
जिलाधिकारी गोतमारे जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में आयोजित महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम-2015 के तहत समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पाटिल, प्रभारी निवासी उपजिलाधिकारी प्रकाश पाटिल प्रमुख रूप से उपस्थित थे. इस अधिनियम के तहत नागरिक किन सेवाओं को प्राप्त करने के हकदार हैं, इसकी जानकारी आप ‘आपले सरकार’ वेब पोर्टल पर देख सकते हैं. सेवाओं के प्रावधान में देरी या बिना किसी वैध कारण के सेवा से इनकार के मामले में नागरिक ऑनलाइन प्रस्तुति के माध्यम से सूचित उच्च अधिकारियों को प्रथम, द्वितीय अपील और आयोग को तीसरी और अंतिम अपील दायर कर सकते हैं.
नागरिकों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करें : जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे
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