गोंदिया : भीषण गर्मी में नगर परिषद के आठ गांवों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता की वजह से लोगों के सामने जलसंकट की समस्या बनी हुई है.
आमगांव नगर परिषद में बिरसी, बनगांव, किडंगीपार, कुंभारटोली, पदमपूर, माली, रिसामा का समावेश है. आमगांव नगर परिषद का प्रकरण न्यायालय में है और इसमें राज्य सरकार व जनप्रतिनिधियों को पिछले नौ वर्ष में सफलता नहीं मिली है. परिणामस्वरूप लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. आमगांव की बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप आवश्यक जलापूर्ति का नियोजन नहीं किए जाने की वजह से इन आठ गांवों के लोगों को जलापूर्ति के लिए भटक रहे हैं. लेकिन प्रशासन कोई पहल करता नजर नहीं आ रहा है. आमगांव एकमात्र ऐसा गांव है, जहां स्वतंत्र जलापूर्ति योजना कार्यान्वित की गई है. शेष सात गांवों के नागरिकों की प्यास बनगांव जलापूर्ति योजना के भरोसे बुझ रही है. आमगांव परिसर में जलापूर्ति योजना के माध्यम से आवश्यक जलापूर्ति के लिए पानी टंकी पर्याप्त नहीं है. कई प्रभागों में जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन का काम अधूरा पड़ा हुआ है. पानी टंकी की क्षमता कम होने की वजह से कई प्रभागों के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. विद्यार्थी प्रकोष्ठ के प्रभारी अशोक शेंडे ने बताया कि माली कुंभारटोली, पॉवर हाउस, गुरुदेव नगर, बेदाली, संत रविदास नगर के साथ कई बस्तियों में जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन व पर्याप्त पानी टंकी नहीं है. यह समस्या काफी विकराल है. जनप्रतिनिधि व नगर परिषद प्रशासन कोई पहल नहीं कर रहा है. यह नागरिकों के लिए चिंता की बात है. नगर परिषद संघर्ष समिति सतिश असाटी ने कहा कि पानी किल्लत की समस्या को प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है. इस वजह से नगर परिषद के आठ गांव पानी के लिए तरस रहे है. प्रल्हाद दुबे ने बताया कि नगर परिषद का न्यायप्रविष्ट मामला राज्य सरकार को तुरंत हल करना चाहिए. न्यायप्रविष्ट मामले के कारण जलापूर्ति योजना व अन्य मूलभूत आवश्यक विकास कार्य जनप्रतिनिधियों के अभाव में बंद पड़े हुए है.