गोंदिया जिला सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला
गोंदिया. नाबालिग बेटी से छेड़खानी करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर आरोपी पिता को 13 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हजार रूपए अर्थ दंड की सजा का फैसला 31 अक्टूबर को गोंदिया जिला सत्र न्यायालय के जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश एन. डी. खोसे ने सुनाया है। न्यायालय ने आरोपी का नाम गोंदिया जिले के तिरोड़ा तहसील निवासी राधेश्याम (53) बताया है।
इस संदर्भ में बताया गया है कि तिरोड़ा तहसील की 10 वर्षीय नाबालिग पीडित बालिका 1 फरवरी 2018 को सुबह 10 बजे के दौरान स्कूल जाने के लिए तैयारी कर रही थी कि इसी दौरान पीडित बालिका का पिता राधेश्याम यह साइकिल से घर में पहुंचा और सुना मौका पाकर पीडित बालिका का हाथ पकड़कर तु स्कूल मत जा कहते हुए उसके साथ छेड़खानी करने का प्रयास करने लगा। जब पिता की हरकत देखते हुए पीडिता ने जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। आवाज सुनते ही पीडिता की मां पहुंचकर पीडित बालिका को पिता से छुडा लिया। इस दौरान आरोपी राधेश्याम ने शिकायकर्ता पत्नी के साथ मारपीट की। जिसके बाद शिकायतकर्ता पीडिता की मां ने घटना की जानकारी अपने बेटे व पड़ोसियो को मोबाइल के माध्यम से दी। घटना के बाद आरोपी के खिलाफ तिरोडा पुलिस थाने में 1 फरवरी 2018 को शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 354 (ब), 323, 324 भादंवि की धारा बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधक कानून (पोस्को कानून) 2012 की धारा 8, 12 के तहत मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद तत्कालीन जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक संदीप कोली ने जिला सत्र न्यायालय में मामले को प्रस्तुत किया। पीडिता की पैरवी विशेष सरकारी अधिवक्ता कृष्णा डी. पारधी ने की और आरोपी को दोषी सिद्ध कराने के लिए न्यायालय के समक्ष 10 गवाहदारो के बयान दर्ज कराए। जिसके बाद जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश एन. डी. खोसे ने दोनो पक्षो की दलीले सुनते हुए सबुतो के आधार पर आरोपी राधेश्याम को दोषी करार दिया और आरोपी को पोक्सो एक्ट व धारा 324, 504 के तहत 13 वर्ष की कठोर सजा व 5 हजार रूपए का अर्थदंड भरने का अहम फैसला सुनाया। इस मामले में आरोपी को दोष सिद्ध कराने के लिए पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले के मार्गदर्शन में पैरवी कर्मचारी तेजसिंग चौधरी ने अथक प्रयास किया।
पोक्सो के आरोपी पिता को 13 वर्ष का सश्रम कारावास
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