गोंदिया : देवरी तहसील के सुरतोली से डा. बाबासाहेब आंबेडकर कॉलेज में शामिल होने वाले एक प्रोफेसर ने संस्था के सचिव और पुराने प्रिंसिपल के जाली हस्ताक्षर के साथ मामला यूजीसी को भेज दिया. अपनी प्रोफेसरशिप बनाए रखने के लिए यूजीसी को नेट का फर्जी सर्टिफिकेट जमा किया. देवरी पुलिस में उस प्रोफेसर समेत उसकी मदद करने वाले एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.
डा. बाबासाहेब अंबेडकर आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस कॉलेज सुरतोली लोहारा के सचिव राजकुमार केवलराम मडामे (48) द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, आरोपी तथागत प्रल्हाद गजभिये (33) को वर्ष 2012 में अस्थायी रूप से लिपिक के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद वर्ष 2016 में आरोपी राहुल तगड़े को अस्थायी आधार पर मराठी के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया. लेकिन इन दोनों आरोपियों ने बिना संस्था सचिव की जानकारी के फर्जी दस्तावेज बनाकर खुद को पूर्णकालिक प्रोफेसर के रूप में पेश किया. वर्ष 2019 में कोरोना काल में संगठन सचिव राजकुमार मडामे की नजर उस समय पड़ी जब वे कॉलेज गए. आरोपी ने संस्था के सचिव के जाली हस्ताक्षर से प्रस्ताव विद्यापीठ को भेज दिया. उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर खुद को नियुक्त किया. आरोपी ने फर्जी अटैचमेंट के साथ नेट सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी ग्रैंड कमीशन यूजीसी दिल्ली को भी भेज दिया. देवरी पुलिस ने फर्जी दस्तावेज भेजकर गुमराह करने के आरोप में तथागत प्रल्हाद गजभिए और राहुल तगड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जांच सहायक पुलिस निरीक्षक घाडगे कर रहे हैं.
प्रोफेसर ने नेट का फर्जी सर्टिफिकेट यूजीसी को सौंपा
RELATED ARTICLES