सरकार ने 50 करोड़ खर्च होने के बाद फाइल ही कर दी बंद
गोंदिया. पिछले 38 वर्षों से गोंदिया तहसील में पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प के निर्माण का काम चल रहा था. विभिन्न तकनीकी कारणों के चलते शासन ने अब इस प्रकल्प के निर्माण का काम बंद कर दिया है. जबकि सरकार ने इस प्रकल्प पर अब तक लगभग 50 करोड़ रु. का निधि खर्च किया है. लेकिन विभिन्न समस्या के कारण प्रकल्प को अब तक पूरा नहीं किया जा सका. ऊपर से इस अधूरे प्रकल्प को पूर्ण कराने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी गंभीरता नहीं दिखाई. आखिरकार, शासन ने इस अधूरे प्रकल्प की फाइल ही बंद कर दी है. इससे किसानों के सपनों पर मात्र पानी फिर गया है. गौरतलब है कि गोंदिया तहसील के पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प को वर्ष 1983 में मंजूरी मिली थी. उस समय इस प्रकल्प की कीमत 2.43 करोड़ रु. आंकी गई थी. जिसे मंजूरी मिल गई थी. इस प्रकल्प में ग्राम डव्वा व रापेवाड़ा के किसानों की 156 हेक्टेयर जमीन व वनविभाग की 34.77 हेक्टेयर जमीन आंवटित की जानी थी. लेकिन प्रकल्प के कामों को लेकर लेटलतीफी व जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैए के चलते इस प्रकल्प को विभिन्न समस्या के कारण अब तक पूरा नहीं किया जा सका. आज इस प्रकल्प को 38 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इधर 2008-09 में प्रकल्प की कींमत बढ़कर 40 करोड़ 66 लाख पर पहुंच गई है. लेकिन विभिन्न समस्या के कारण प्रकल्प को पूरा नहीं किया जा सका. जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर गंभीरता से नहीं लिया. यही एक कारण है कि इस अधूरे प्रकल्प की फाइल ही शासन ने बंद कर दी है.
शासकीय आदेश से ही होगी आगे की प्रक्रिया
विभिन्न तकनीकी कारणों को लकर पिंडकेपार मध्यम प्रकल्प की फाइल बंद कर दी गई है. शासन स्तर से आदेश आते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
डी.एस. धपाड़े, उपविभागीय अभियंता, मध्यम प्रकल्प, गोंदिया