आदिवासी विकास का खरीदा धान पडा है खुले में
गोंदिया : तहसीलल के दल्ली में आदिवासी विकास विविध कार्यकारी संस्था की अव्यवस्था सामने आ रही है. संस्था को खरीफ मौसम में 23 से 25 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. संस्था ने 15 हजार क्विंटल धान खरीदा था लेकिन अव्यवस्था के चलते यह धान खुले में पडा है और अंकुरित होने लगा है.
गत दिसेंबर महीने में बेमौसम बारिश के कारण 10 हजार क्विंटल धान बोरियों में अंकुरित हो गया. तिरपाल हट जाने की वजह से बेमौसम बारिश से खराब हो रहे धान की ओर संस्था का ध्यान ही नहीं गया. व्यवस्थापक, ग्रेडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नही किए जाने से इसी प्रकार की स्थिति आज भी है. आदिवासी अधिकारी द्वारा धान मिलिंग के लिए दिया जाता है. धान खरीदी केंद्र से 100 से 150 किमी की दूरी वाली राईस मिल को धान मिलिंग के लिए दिया जाता है. कुछ राईस मिलों ने जिला मार्केटिंग फेडरेशन को लग भग 3 लाख क्विंटल धान मिलिंग कर चावल सरकार को वापस नहीं किया. इनमे कई राईस मिलें शालिम है.
रवि ठकरानी ( प्रधान संपादक)
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