गोंदिया : जिले में बड़ी मात्रा में धान की फसल की खेती होती है. कीट और रोग प्रबंधन के उपाय करने के लिए किसान बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. संदिग्ध क्लोरोफिरिफॉस 10 प्रतिशत जी.आर. व्यापार नामक फोराटोप्स के कीटनाशक का एक नमूना जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक वाई.बी. बावनकर द्वारा लिया गया और परीक्षण के लिए कीटनाशक प्रयोगशाला में भेजा गया था. जिसके बाद सक्रिय संघटक 10 प्रतिशत जी.आर. अपेक्षित होते हुए शून्य प्रतिशत पाया गया. कीटनाशक बनाने वाली कंपनी रामश्री केमिकल्स मुंबई के पास राज्य का उत्पादन/बिक्री लाइसेंस नहीं था और वह भी बिना लाइसेंस के राज्य में कीटनाशक बेच रही थी. रामश्री केमिकल्स मुंबई और बालाजी कृषि केंद्र, सेलू जिला, वर्धा, अष्टविनायक एग्रो एजेंसी वर्धा, प्रथम कृषि केंद्र भिविखिडकी अर्जुनी/मोरगांव जिला गोंदिया के मालिक ईश्वरदास कापगते ऐसे कुल चार आरोपियों ने मिलिभगत से किसानों व सरकार के साथ धोखाधड़ी करते हुए कीटनाशकों के आपसी निस्तारण पर रोक लगाने का आदेश दिया. कीटनाशक अधिनियम 1968 की धारा 420, 34, धारा 3,9,13,17,18,29 व कीटनाशक नियम 1971 नियम संख्या अन्वये 9,16,17,18,19,30,31 नवेगांवबांध तहसील अर्जुनी/मोरगांव थाने में शिकायत क्र. 0044 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उक्त कार्रवाई जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चव्हाण, जिप कृषि विकास अधिकारी एम.के. मडामे के मार्गदर्शन में जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक यसलव बावनकर की शिकायत पर की गई. इस कार्रवाई में पंस अर्जुनी मोरगांव के विस्तार अधिकारी डी.के. रामटेके ने सहयोग किया.
किसान बीज, खाद और कीटनाशक अधिकृत व लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही खरीदें और विक्रेताओं से पक्का बिल प्राप्त करें. बीज, उर्वरक और कीटनाशक अधिनियम का पालन नहीं करने वाले कृषि केंद्रों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे और उनके कृषि निवेश लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिए जाएंगे. ऐसा आव्हान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चव्हाण ने किया है.
बोगस कीटनाशक, चार पर मामला दर्ज
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