गोंदिया : जिले में महिलाओं, स्कूली छात्राओं, युवतियों को एक निर्भीक तरीके से समाज में जीवन जीने की आजादी प्रदान करने तथा महिलाओं से छेड़खानी के बढ़ते मामलों पर उनकी सुरक्षा हेतु पुलिस अधीक्षक गोंदिया द्वारा पुलिस के दामिनी पथक को सक्रिय कर गस्त बढ़ाया था।
इसी गस्ती के दौरान दामिनी पथक को 10 फरवरी के रात 8 बजे शहर थाना क्षेत्र के डबलिंग ग्राऊंड परिसर पर एक करीब 22 साल की लड़की भटकती दिखाई दी। दामिनी पथक ने उसकी स्थिति और वर्तमान हालातों को देख उससे पूछताछ की। बातचीत के दौरान आभास हुआ कि लड़की मनोरोगी है। दामिनी पथक द्वारा पुनः कुशलतापूर्वक उस मनोरोगी युवती से पूछताछ की गई, जिसपर लड़की ने गांव का पता सिलेगाव बताया। सिलेगांव का पता चलते ही दामिनी पथक ने सिलेगाव के पुलिस पटेल से संपर्क किया। पुलिस पाटील ने पथक के निर्देश पर जब जानकारी निकाली तो पता चला कि उक्त युवती ग्राम सिलेगाव तहसील गोरेगाँव में ठाकरे परिवार की है। लड़की के घर-परिवार की पुख्ता खबर मिलने पर पथक ने उसे सिलेगाव में उसके परिवार के सुपुर्द किया। परिवार ने जानकारी दी कि उक्त युवती पिछले 7 साल से मनोरोगी है, और उसका उपचार जारी है। वो 10 फरवरी को सुबह 11 बजे से किसी को बिना कुछ बताए घर से निकल गई। दिनभर उसकी खोज खबर परिवार कर रहा था, ऐसी जानकारी लड़की की माँ ने दामिनी पथक को दी एवं बेटी के सकुशल घर लौटने पर पथक का व पुलिस विभाग का आभार माना। ईस कार्य को वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर दामिनी पथक प्रमुख म.पु.उप.नि प्रियंका पवार के नेतृत्व में पुशि. अंबादे, बावनकर, चा.म.पु.शि. पाचे ने उत्कृष्ट कार्य किया।