भाई-बहन के प्यार का अंत
गोंदिया. रक्षाबंधन अवसर पर अमगांव तहसील के सिंधु फुंडे अपने भाई को राखी बांधने के लिए सालेकसा तहसील के गिरोला के बहेकर परिवार के पास गई थी. रात में रक्षाबंधन कर अपने भाइयों से प्रेम और सुरक्षा का बंधन मांगा. लेकिन रात को नींद में ही उसकी मौत हो गई. इस दिल दहला देने वाली घटना से हर तरफ दुख व्यक्त किया जा रहा है.
रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का त्योहार है. भाई-बहन चाहे कितने भी दूर क्यों न रहते हों, रक्षाबंधन पर एक साथ आ ही जाते हैं. बहन और भाई के रिश्ते की कोई उम्र सीमा नहीं होती. इस समय बहन अपने भाइयों को रेशम के धागे से बुनी हुई राखी बांधती है और उनसे अपनी रक्षा का वचन मांगती है. भाई उस वादे को हमेशा पूरा करने की गारंटी भी देता है. सिंधुबाई का जन्म सालेकसा तहसील के गिरोला में एक पूर्व मालगुजार बहेकार परिवार में हुआ था. उनकी शादी आमगांव तहसील के बनगांव में हुई. शादी के बाद परिवार खूब फला-फूला. फिर पति और बेटे की भी मौत हो गई. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत न हारते हुए पोते-पोतियों और बहुओं के साथ अपने परिवार का पालन-पोषण किया. 30 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार होने के कारण वे महका गिरोला गए थे. दिन भर इधर उधर की बाते होती रही. शाम को रक्षाबंधन मनाया गया. उसके बाद वह खाना खाकर महके मे सो गई. सुबह जब वह नहीं उठीं तो उनके भतीजे व पोते उन्हें जगाने गए तो देखा कि वह अंतिम सांस ले चुकी हैं. इसलिए महके के लोगों को भारी झटका लगा. उनका पार्थिव शरीर उनके ससुराल लाया गया. दोपहर में आमगांव में अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना से दोनों परिवारों के साथ-साथ समाज के लोग भी आंसू बहाते नजर आए.
भाई को राखी बांधकर बहन की मृत्यु
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