भंडारा : जिले में वर्ष 2013 में किसानों से जमीन अधिग्रहित कर भेल प्रकल्प की नींव रखी गई। लेकिन दस वर्षों बाद भी केंद्र व राज्य की डबल इंजिन सरकार अब तक भेल प्रकल्प क्यों शुरू नहीं कर पायी? ऐसा सवाल करते हुए उध्दव ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर जोरदार हमला किया। शिव गर्जना अभियान के तहत भंडारा जिला दौरे पर आए सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि भेल प्रकल्प के लिए जिन किसानों से भूमि अधिग्रहित की गई, उन्हें न तो भेल प्रकल्प में रोजगार मिल सका है, बल्किउन्हें जमीन से भी हाथ धोना पड़ा है। इसलिए सरकार शीघ्र भेल प्रकल्प शुरू करें या किसानों की जमीनें वापिस दें, ऐसा कहा। अरविंद सावंत ने इसके पहले तुमसर में शिवसैनिकों की सभा ली। इस दौरान जिले में अलग-अलग स्थानों पर भेंट देकर जनसंवाद साधा। जिसके बाद दोपहर 3 बजे विश्राम भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में सावंत ने कहा कि जिले में तकरीबन ढाई लाख किसान है। सरकार ने ई-पीक एेप पर पंजीयन वाले किसानों को अार्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। इस एेप पर केवल एक लाख तीस हजार किसानों ने ही पंजीयन किया है। इससे शेष किसान सरकारी मदद से वंचित रहेंगे। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार केवल अदानी, अंबानी के लिए ही काम कर रही है। इन दो उद्योगपतियों को लाभ पहुचाने के लिए सरकार निजीकरन को बढ़ावा दे रही है।
भेल कारखाना शुरू करने डबल इंजिन की सरकार फेल
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