मामला दावेझरी का
भंडारा : दावेझरी के सागौन चोरी प्रकरण में राजस्व व वनविभाग की संयुक्त कार्रवाई हुए अब तक 10 से 12 दिनों की अवधि बीत गई है। किंतु दावेझरी के सागौन चोरी मामले के मुख्य सूत्रधार का अब तक वन व राजस्व विभाग के अधिकारियों पता नहीं लगा पाए हैं। इस कारण इस प्रकरण में साठगांठ होने का संदेह दावेझरी के शिकायतकर्ता एवं ग्रामीणों ने जताया है। इस मामले में वन व राजस्व विभाग के अधिकारी टालमटोल जबाद दे रहे हैं।
दावेझरी आंबा तालाब के लाखों रुपए के सागौन की चोरी मामले की शिकायत 23 जनवरी 2023 को की गई थी। यह शासकीय तालाब होकर 20 से 25 वर्ष पूर्व रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत सागौन के पेड लगाए गए थे। पहले कहा जा रहा था कि इस मामले में संयुक्त कार्रवाई कर सागौन चोरी मामले का निराकरण किया जाएगा, लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। वन विभाग ने घटनास्थल पर पंचनामा कर सागौन की लकडियां एक किसान के तनस के ढेर से अपने कब्जे में लकर वन परिक्षेत्र हरदोली के कार्यालय परिसर में लाकर रखे जाने की बात कही है। किंतु वह किसने काटा एवं तनस के ढेर में किसने रखा यह सवाल उपस्थित किया जा रहा है। एक किसान का नाम आगे कर वनविभाग के अधिकारी एवं सागौन तस्कर यह मामला दबाने का प्रयास करने की बात कही जा रही है। सागौन के पेडों की चोरी करने वाला माफिया यह तुमसर का है। वह मध्यप्रदेश से सागौन की तस्करी सोंडया टोला प्रकल्प मार्ग से करने एवं उसका जाल दूर तक फैला होने से वन व राजस्व विभाग के अधिकारियों की गुप्त तरीके से साठगांठ होने की जानकारी सामने आ रही है। वन परिक्षेत्र हरदोली (सि.) में रखी गई सागौन की लकडियों के नग व आंबा तालाब के काटे सागौन की जड को मिलाया जाए तो इसमें फर्क दिखाई दे रहा है।
रवि ठकरानी ( प्रधान संपादक)
93593 28219