नागपुर : कोरोना के बाद शहर में वायरल इंफेक्शन एच3 एन2 पैर पसार रहा है। एक मौत होने का खुलासा होने के बाद फिर सावधानी की जरूरत है। शहर के एक निजी अस्पताल में उक्त 78 वर्षीय व्यक्ति की इससे मौत होने की खबर है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डेथ ऑडिट होने पर ही इसे एच3 एन2 से मृत्यु होने की पुष्टि की। पिछले दिनों में अनेकों के इसके चपेट में आने की बात कही जा रही है।
जांच में पॉजिटिव आया था : मनपा अंतर्गत शहर सीमा में 600 के करीब अस्पताल हैं। अस्पताल अंतर्गत किसी भी संक्रामक बीमारी की जांच में व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर उसकी रिपोर्ट मनपा प्रशासन को करनी होती है। इस अनुसार, एच3 एन2 में पॉजिटिव आने पर उसकी रिपोर्ट मनपा को देनी होती है। पिछले कुछ दिन से एक 78 वर्षीय व्यक्ति शहर के निजी अस्पताल में उपचार ले रहा था। मरीज को क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी), शुगर, बीपी जैसी बीमारी थी। उपचार के दौरान मरीज की 9 मार्च को मृत्यु हुई। मृत्यु से पहले मरीज की एच3 एन2 जांच की गई थी। जांच में व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया था। इसकी जानकारी मनपा स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। इसकी पुष्टि करते हुए स्वास्थ्य सेवा उपसंचालक (नागपुर सर्कल) डॉ. विनिता जैन ने बताया कि इस मृत्यु को संदिग्ध मान कर चला जा रहा है। बुधवार को डेथ ऑडिट समिति के सामने यह प्रकरण रखा जाएगा। उसे मान्यता मिलने पर मृत्यु को एच3 एन2 के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। फिलहाल शहर में एच3 एन2 से पहली मृत्यु होने से प्रशासन हरकत में आ गया है। इसके लिए आवश्यक उपाय योजना पर जोर दिया जा रहा है।
जानें…क्या है एच3एन2 इन्फ्लुएंजा
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2009 के एच1एन1 महामारी वायरस से मैट्रिक्स (एम) जीन के साथ इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 वैरिएंट वायरस जिसे “एच3एन2वी” वायरस के रूप में भी जाना जाता है, यह पहली बार जुलाई 2011 में लोगों में पाया गया था। वायरस को पहली बार 2010 में अमेरिका में सुअरों में पहचान की गई थी।
अत्यधिक संक्रामक…ऐसे फैलता है : विशेषज्ञों के मुताबिक कि एच3एन2 इन्फ्लुएंजा एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। यह तब फैलता है, जब संक्रमित व्यक्ति दूसरे से बात करता है, खांसता है या छींकता है। वायरस से दूषित सतह को छूने और फिर किसी के मुंह या नाक को छूने से भी फैल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि एच3एन2 इन्फ्लुएंजा अत्यधिक संक्रामक है।
संक्रमण से बचने के उपाय
-हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धो कर साफ रखना चाहिए
-बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
-छींकते या खांसते समय अपने मुंह या नाक को टिश्यू या अपनी कोहनी से ढंक लेना चाहिए।
-अपने चेहरे को अनावश्यक रूप से छूने से बचें, खासकर आंख, नाक और मुंह।
-}लोगों से मिलने जाते समय या किसी भी भीड़-भाड़ वाली जगह जैसे शॉपिंग सेंटर या अस्पताल में जाते समय, कृपया फेस मास्क का उपयोग करना चाहिए।
-वायरस से दूषित सतह को न छुएं और फिर अपने मुंह या नाक को न छूएं।