रिक्त पदों के कारण हो रही समस्या निर्माण
गोंदिया. गोंदिया जिला सरकारी अस्पताल में समय पर मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि अस्पताल में 40 प्रतिशत से अधिक डाक्टर सहित विभिन्न पदों के पद रिक्त पड़े हुए हैं. जिसे कई माह से भरा नहीं गया है. यही एक कारण है कि यहां पर आने वाले मरीजो को समय पर उपचार नहीं मिलने से निजी अस्पताल की ओर रूख करना पड़ रहा है.
गोंदिया जिले की आबादी लगभग 14 लाख तक पहुंच चुकी है. जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य पर उपचार करने के लिए गोंदिया शहर में एकमात्र जिला सामान्य अस्पताल है. जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज दूरदराज से उपचार के लिए पहुंचते है. लेकिन समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण मरीजों के हाल-बेहाल हो रहे हैं. इस अस्पताल में एक्सरे से लेकर सीटी स्कैन व विभिन्न रोगों पर उपचार किया जाता है. लेकिन डाक्टर व तकनीशियनो के अनेक पद रिक्त होने से समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है. अनेकों बार अस्पताल प्रबंधन की ओर से रिक्त पदो के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है. बताया जा रहा है कि डाक्टर के पद भरे तो जाते है लेकिन उनकी नियुक्ति संविदा पद्धति पर की जाती है. जिस कारण डाक्टर पद के उम्मीदवारों द्वारा प्रतिसाद नहीं दिया जाता. यदि डाक्टर तथा अन्य पदों की नियुक्ति स्थायी स्वरूप में की जाए तो पद पूर्ण रूप से भरे जा सकते है.
50 प्रतिशत पद रिक्त
जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर, नर्स सहित द्वितीय श्रेणी के लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त होने से इस तरह की समस्या निर्माण हो रही है. सरकार द्वारा संविदा पद्धति के बजाए स्थायी रूप से रिक्त पदो की भर्ती की जाए तो अच्छा प्रतिसाद मिलेगा. फिर भी मरीजों को समय पर उपचार देने का प्रयास किया जाता है.
डा. अमरीश मोहबे, जिला शल्य चिकित्सक, गोंदिया