फर्जी लाभार्थी दिखाकर अनुदान लुटा जा रहा
गोंदिया. कोरोना काल में तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा शिवभोजन योजना लागू की गई थी. लॉकडाउन के दौरान निःशुल्क शिवभोजन उपलब्ध कराया गया. इसलिए इस योजना के माध्यम से कई गरीब लोगों को अपनी आजीविका मिलती थी. अब एक प्लेट की कीमत 10 रु. है. वहीं शिवभोजन केंद्रचालक को सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कुछ शिवभोजन केंद्रों पर फर्जी लाभार्थियों को दिखाकर सब्सिडी लुटी जा रही है. ऐसे में अन्य योजनाओं की तरह यह योजना भी भ्रष्टाचार के घेरे में दिखाई दे रही है.
कोरोना काल में गरीबों और बेघरों को शिवभोजन से सहारा मिल रहा था. उस समय मुफ्त थाली देने का सरकारी आदेश था. इस योजना के लाभार्थियों को ऑनलाइन करने के लिए एक ऐप उपलब्ध कराया गया है. उसके माध्यम से लाभार्थियों की फोटो ली जाती है, जिसके बाद थाली दी जाती है. लेकिन देखा जा रहा है कि कई शिव भोजन केंद्रों पर भोजन का लाभ लेने वालों की संख्या में कमी आई है. कई शिवभोजन केंद्रों पर कुछ लोगों से फोटो लेने और चाय पिलाकर लाभार्थियों दिखाने की तस्वीर भी सामने आई है. जिले में जिनके पास शिवभोजन केंद्र हैं, उनमें से अधिकांश के पास नाश्ता और भोजन के होटल हैं. फर्जी लाभार्थी दिखाने का काम शहरी और ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. संबंधित विभाग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
सीसीटीवी कैमरे से भी धोखा
जहां शिव भोजन केंद्रों पर एक ही ग्राहक की तस्वीर का इस्तेमाल अलग-अलग नामों से कर शिव भोजन थाली योजना का पैसा हड़पने का आरोप है, वहीं राज्य सरकार ने सभी केंद्र संचालकों को राज्य के सभी शिव भोजन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है. जिसके अनुसार प्रत्येक केंद्र पर सीसीटीवी लगाए गए थे. लेकिन संबंधित विभाग उक्त कैमरों की हालत पर जरा भी ध्यान नहीं देता है. इसलिए जिले के कुछ शिवभोजन केंद्रों पर करीबी लोगों को बुलाकर उनकी फोटो खींचकर इस सीसीटीवी कैमरे से भी ठगी की जा रही है.