अब पालकमंत्री ने किया लोकार्पण : नई इमारत अभी भी अपुर्ण और इस्तेमाल के लायक नहीं
गोंदिया. गोंदिया जिले के नवनियुक्त पालकमंत्री धर्मरावबाबा आत्राम के हस्ते 26 अक्टूबर को देवरी के नवनिर्मित अस्पताल का पुनः लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर गड़चिरोली के सांसद अशोक नेते, गोंदिया के जिलाधीश चिन्मय गोतमारे, गोंदिया जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पाटिल, जिला शल्य चिकित्सक डा. अंबरिश मोहबे, पुर्व विधायक संजय पुराम सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे.
विदित हो गत 3 महीने से देवरी का नवनिर्मित अस्पताल चर्चा के केंद में है. जुलाई महीने में स्थानिय विधायक सहषराम कोरोटे ने अस्पताल कि पुरानी इमारत का औचक निरीक्षण किया था और करीब 50 साल पुरानी उस जीर्ण इमारत में जगह जगह दिवारों पर दरार, पानी टपकती छत, गंदगी से बजबजा रहे प्रसाधनगृह को देखकर नाराजगी जताई थी और उच्च अधिकारियों से फोन पर चर्चा कर 1 महिने के भीतर अस्पताल को नई इमारत में स्थांतरित करने का निर्देश दिया था. तय वक्त पर नई इमारत में अस्पताल के स्थानांतरण नहीं होने से विधायक सहषराम कोरोटे ने स्वयं 15 अगस्त को नई इमारत का लोकार्पण कर दिया था. उन्होंने इसे गरीब कमजोर लोगों को ईलाज में हो रही भारी तकलीफ के लिए स्वयं आगे बढ़ कर अस्पताल को नई इमारत में स्थानांतरित करने कि बात कही थी. इसी बीच पुर्व विधायक संजय पुराम ने विधायक द्वारा बगैर किसी प्रोटोकॉल का पालन किए और इमारत पुर्ण रूप से इस्तेमाल नहीं होने और सिर्फ श्रेय लुटने के लिए स्टंट करने का आरोप लगाकर लोकार्पण का विरोध करने की बात कह कर क्षेत्र में राजनितिक माहौल को गरमा दिया था. कांग्रेस के वर्तमान विधायक और भाजपा के पुर्व विधायक की इस राजनीतिक रस्साकसी के बीच रांका के वरिष्ठ नेता और नवनिर्वाचित पालकमंत्री द्वारा अस्पताल की नई इमारत का पुन: लोकार्पण करने से एक बार फिर क्षेत्र में चर्चा का दौर शुरू हो गया है.
नई इमारत में बहुत से काम अपुर्ण
26 अक्टूबर को जिले के पालकमंत्री धर्मरावबाबा आत्राम के हस्ते देवरी के सरकारी अस्पताल की नई इमारत का लोकार्पण तो हो गया. लेकिन प्रत्यक्ष में ईमारत का निरीक्षण करने पर वहां अभी भी लिफ्ट सिस्टम, ओपीडी सहित बहुत से काम अपुर्ण नजर आएं. नई इमारत के लिए कोई भी फर्नीचर नहीं था. इमारत में किसी भी प्रकार के चिकित्सीय उपकरण नहीं थे तथा ग्राउंड फ्लोर पर पुराने और टूटे फूटे बेड को रंग रोगन कर के रख दिया गया था. ऐसे में यह इमारत फिलहाल तो चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए प्रयुक्त नहीं है. इस इमारत को अभी तक फायर सेप्टी प्रमाण पत्र के अलावा और भी कुछ अन्य एनओसी नहीं मिली है. जिसकी वजह से अभी तक यह इमारत अभी भी चिकित्सा विभाग को हस्तगत नहीं हूई है. ऐसे में इस इमारत का पुनः लोकार्पण ने एक बार फिर क्षेत्र में चर्चा का दौर शुरू कर दिया है.