Saturday, July 27, 2024
Google search engine
HomeUncategorizedसाढ़े तीन हजार शिक्षकों को भत्ते बिना वेतन!

साढ़े तीन हजार शिक्षकों को भत्ते बिना वेतन!

सीईओ के पत्र से मचा हड़कंप
गोंदिया. जिला परिषद स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को मकान किराया भत्ता ग्राम सभा का प्रमाण पत्र देने के बाद ही दिया जाएगा. वे जिस गांव में नियुक्त हैं, उसी गांव में रह रहे हैं, ऐसा प्रमाण पत्र दिए बिना वेतन में मकान किराया भत्ते की राशि शामिल नहीं होगी. इसके चलते साढ़े तीन हजार शिक्षकों की हालत खराब हो गई है. अगले माह वे उस भत्ते से वंचित हो जाएंगे.
जिला परिषद की जिले में एक हजार से अधिक स्कूल हैं. उन स्कूलों में 4500 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन अभी नौ सौ से ज्यादा पद खाली हैं. उन रिक्त पदों को लेकर शिक्षक संघ पहले से ही आक्रामक हैं. शिक्षकों के पद पहले से ही रिक्त हैं. इससे शिक्षकों पर शिक्षण के अलावा अन्य कार्यों का बोझ पड़ गया है. इसको लेकर गांव में शिक्षकों और अभिभावकों के बीच विवाद चल रहे है. चालू सत्र के दौरान कई स्कूलों में अभिभावकों व ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया था. अस्थाई व्यवस्था के तौर पर जिला परिषद ने शिक्षण स्वयंसेवक का पद तैयार किया. उस स्थिति के कारण कुछ स्कूल शुरू किए गए. लेकिन अभी भी शिक्षकों की कमी है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पाटिल ने पत्र जारी कर कहा कि जिन शिक्षकों ने यह संकल्प नहीं जोड़ा है कि वे ग्राम सभा मुख्यालय पर नहीं रहते हैं, उन्हें मकान किराया भत्ता नहीं मिलेगा. उस पत्र में उन्होंने वित्त विभाग के 25 अप्रैल 1988 और 5 फरवरी 1990 के परिपत्रों का हवाला दिया और कहा कि कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता पाने के लिए मुख्यालय पर रहना आवश्यक है, 5 जुलाई 2008, 3 नवंबर 2008, वित्त विभाग दिनांक 5 फरवरी 1990 के प्रावधान के अंतर्गत नहीं आता है. अतः मकान किराया भत्ता अनुमन्य है. यह फैसला सिर्फ शिक्षकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ग्राम सेवकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर भी लागू किया गया है. यदि आप चालू माह अगस्त का वेतन प्राप्त करना चाहते हैं तो संकल्प पत्र दें कि आप ग्राम सभा के मुख्यालय पर रह रहे हैं, अन्यथा बिना मकान किराया भत्ता के वेतन प्राप्त करने का सुझाव दिया गया है. जिला परिषद स्कूलों में इस समय साढ़े तीन हजार शिक्षक कार्यरत हैं. उनका वेतन बिल अभी तक जमा नहीं किया गया है. इसलिए जिन लोगों को समाधान नहीं मिला है उनका वेतन मकान किराया भत्ते के बिना जाएगा. इसलिए अब संगठन के आक्रामक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

मकान मालिक का पत्र स्वीकार्य
शिक्षक गांव में रहते हैं. वर्तमान में कोई ग्राम सभा नहीं है. इसलिए यदि बिना समाधान के अगस्त माह का वेतन निकाला गया तो शिक्षकों को बड़ा नुकसान होगा. जिला परिषद को बिना सख्त रुख अपनाये एक माह का नोटिस देकर मकान मालिक, सरपंच का प्रमाणपत्र स्वीकार करना चाहिए.
किशोर बावनकर, जिला अध्यक्ष मराप्राशि संगठन

कुछ समय दें
फिलहाल किसी भी गांव में ग्राम सभा नहीं है. इसलिए कर्मचारियों के लिए समय पर समाधान देना संभव नहीं है. इसलिए फैसले में कम से कम चार महीने की ढील दी जानी चाहिए. तब तक मकान किराया भत्ता वेतन से नहीं काटा जाए. सरकार ने मुख्यालय पर रहना अनिवार्य न करते हुए समय पर मुख्यालय पहुंचना अनिवार्य करना चाहिए.
संदीप तिड़के, जिला अध्यक्ष मराप्रवासी समिति

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments