गोठनगांव क्षेत्र में वन्यजीवों का आतंक
गोंदिया. अर्जुनी मोरगांव तहसील जो जिले के किनारे पर है, और भंडारा व गढ़चिरोली जिलों से सटा हुआ है, वर्तमान में वहां बहुत सारे वन्य प्राणीयों ने आतंक मच्छा रखा है. एक ओर जहां जंगली जानवर खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जंगली हाथियों ने गोठनगांव इलाके में अपना डेरा जमा लिया है. इस इलाके से सटे कोरंबीटोला इलाके में एक तेंदुए ने डेरा डाल दिया है. जंगली हाथी धान के खेतों और नर्सरी को रौंद रहे हैं, वहीं तेंदुए किसानों के मवेशियों को निशाना बना रहे हैं. इसलिए इलाके के किसानों को हर दिन डर के साये में खेतों में काम करना पड़ रहा है.
अर्जुनी मोरगांव तहसील में पिछले साल से जंगली हाथी कहर बरपा रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर माह में 20 से 22 जंगली हाथियों ने गढ़चिरोली जंगल के रास्ते जिले में प्रवेश किया था. उसके बाद इन हाथियों ने अर्जुनी मोरगांव तहसील, विशेष रूप से नवेगांवबांध और इटियाडोह क्षेत्रों में डेरा डाला और कई किसानों की धान की फसल को नष्ट कर दिया. इसके बाद इन हाथियों ने गढ़चिरोली की ओर रुख कर लिया. इसी बीच पिछले अप्रैल में ये हाथी गढ़चिरोली जिले के जंगल से होते हुए फिर से गोंदिया जिले में प्रवेश कर गए. जैसे ही ये हाथी जिले में दाखिल हुए, वे 27 अप्रैल को कारूझरी में रबी की खड़ी फसलों के बीच से अपना रास्ता बनाते हुए नवेगांवबांध पार्क क्षेत्र में पहुंच गए. जिससे इस क्षेत्र के सात-आठ किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई. हालांकि उसके बाद ये हाथी नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में मौज-मस्ती कर रहे थे. अब उन्होंने फिर से अपना रुख गोठनगांव वन क्षेत्र की ओर कर दिया है. इस बीच सुबह-सुबह उमरपायली में हाथियों ने धान की फसल को रौंदकर नष्ट कर दिया और केले के पेड़ों को नष्ट कर दिया, वहीं एक दोपहिया वाहन की भी तोड़फोड़ की. इस बीच ये घटनाएं फिर से बढ़ रही हैं और हाथियों ने एक सप्ताह के भीतर क्षेत्र के लगभग 25 किसानों के खेतों में लगे धान के खेतों और धान की नर्सरी को नष्ट कर दिया है. इस बीच वन विभाग द्वारा इन किसानों को कृषि उत्पादन बाजार समिति द्वारा निर्धारित मूल्य के अनुसार वित्तीय सहायता दी जा रही है और अब तक 15 किसानों को सहायता दी जा चुकी है. लेकिन इन हाथियों से किसानों की जान को भी खतरा है. हाथियों के उत्पात से क्षेत्र के किसान परेशान हैं और किसानों को हाथी के डर से खेतों में काम करना पड़ रहा है. उधर कोरंबीटोला इलाके में तेंदुए के आतंक की तस्वीर सामने आई है. कोरंबीटोला के वन क्षेत्र में इटियाडोह शाखा कार्यालय के क्षेत्र में एक तेंदुए ने डेरा डाल दिया है और रात के समय यह तेंदुआ गांव के बाहरी इलाके में प्रवेश कर रहा है और वहां बंधी बकरियों पर हमला कर रहा है. कुछ दिन पहले इसी तेंदुए ने कोरंबीटोला के किसान मोहन शेंडे के तबेले में एक बकरी को मार डाला था. इस बार तेंदुए ने गाय पर भी हमला कर उसे घायल कर दिया, जबकि अगले दिन तेंदुए ने इसी गांव के दुर्योधन गेडाम की गाय का शिकार कर लिया. इसके चलते इस इलाके में तेंदुओं का भी आतंक हो गया है. इसलिए, यहां के किसान एक तरफ हाथियों और दूसरी तरफ तेंदुओं के साथ दोहरे संकट में फंस गए हैं.
25 किसानों द्वारा आवेदन
अब तक क्षेत्र के 25 किसानों ने हाथियों से हुई क्षति को लेकर वन विभाग को आवेदन दिया है. इस बीच आवेदन के सत्यापन के लिए पटवारी, वन रक्षक और कृषि सहायक ऐसी तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की गई है. समिति द्वारा प्रस्तुत 15 प्रस्तावों को वन विभाग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है. मुआवजे के लिए सरकार से कृषि उत्पादन बाजार समिति द्वारा तय बाजार मूल्य के अनुसार धनराशि की मांग की गई है. शेष प्रकरण प्रस्तावित हैं.
किसान शीघ्र आवेदन करें
किसानों को घबराना नहीं चाहिए. जिनके खेतों को जंगली हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है. या ऐसे पशुपालक जिनके जानवर तेंदुए के हमले में घायल हो गए हों या मारे गए हों, ऐसे किसान अपना आवेदन कृषि के सातबारा व अन्य दस्तावेजों के साथ शीघ्र संबंधित समिति में जमा करें.
दादा राऊत, सहायक वन संरक्षक, नवेगांवबांध