पुलिस ने रातभर रिश्तेदारों को ढूंढा : एक अनहोनी टल गई
गोंदिया. रात करीब 11 बजे सुनसान रात के अंधेरे में एक महिला नाले के किनारे लेटी हुई थी. सभी ने मान लिया कि वह मर चुकी है. पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने जांच की तो पाया कि वह बेहोश थी. दवा देकर उसे होश में लाया गया. लेकिन वह मनोरोगी होने के कारण जानकारी नहीं दे रही थी. पूरी रात निगरानी करने के बाद आखिरकार तिरोड़ा पुलिस ने उसके रिश्तेदारों का पता लगा लिया और रात 1 बजे उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया. यह घटना 11 अक्टूबर को तिरोड़ा तहसील के नवेझरी में हुई थी.
11 अक्टूबर को रात करीब 11 बजे तिरोड़ा तहसील के नवेझरी गांव के पुलिस पाटिल ओम भंडारकर वहां से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने गांव के पास एक नाले के किनारे एक महिला को मृत पड़ा देखा. उन्होंने अनुमान लगाया कि महिला मर गई होगी. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना तिरोड़ा पुलिस को दी. सूचना मिलने पर तिरोड़ा के थानेदार देवीदास कठाले, पुलिस उपनिरीक्षक विजयकुमार पुंडे, चिरंजीव दलालवाड, हवलदार कुलमेते और महिला अमलदार चौधरी नवेझरी पहुंचे. पुलिस ने जब उसकी जांच की तो पता चला कि वह मरी नहीं बल्कि बेहोश थी. थोड़ी देर बाद उसे होश आया. उससे पूछताछ करने पर वह पांच-छह अलग-अलग गांवों के नाम बता रही थी. तुरंत उसकी तस्वीर व्हाट्सएप और फेसबुक पर अपलोड कर दी गईं. उसमें से महिला गोरेगांव तहसील के शंभूटोली में अपनी मौसी के साथ रह रही थी और उसका नाम गुड्डी मरकाम (35) है. इसके बाद गोरेगांव थाने के पुलिस उपनिरीक्षक गाते की मदद से एक पुलिस टीम सुबह 4 बजे उसे उसकी मौसी के पास ले गई. समय पर पुलिस की मदद से महिला को जंगली जानवरों और असामाजिक तत्वों द्वारा बड़ा अपराध करने से बचाया जा सका. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर और उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रमोद मैडम के मार्गदर्शन में की गई.
जिस महिला को समजा मृत, वह निकली बेहोश
RELATED ARTICLES