देवरी तहसील के धवलखेड़ी आंगनवाड़ी केंद्र का मामला
गोंदिया. देवरी तहसील के धवलखेड़ी स्थित एक आंगनवाड़ी केंद्र से 18 महीने के एक लाभार्थी को पूरक पोषण आहार के रूप में दिए गए तुरई की खिचड़ी के सीलबंद पैकेट में मरा हुआ चूहा मिलने से हड़कंप मच गया है. जिले में आंगनवाड़ी केंद्र जिला परिषद के महिला व बाल कल्याण विभाग के अधीन संचालित होते हैं. यहां 0 से 3 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है. इसी के तहत, 17 अक्टूबर को देवरी तहसील के धवलखेड़ी स्थित एक आंगनवाड़ी केंद्र में एक लाभार्थी को हरहर खिचड़ी का पैकेट दिया गया. जैसे ही उसने उसे खोला, उसमें से मरा हुआ चूहा और दुर्गंधयुक्त पदार्थ निकला. जिससे अभिभावकों में भय का माहौल बन गया है और संबंधित विभाग के प्रति रोष व्याप्त है.
उल्लेखनीय है, गरीब छात्र इस भोजन के लिए बड़े चाव से आंगनवाड़ी में आते हैं. बहरहाल 17 अक्टूबर को देवरी तहसील में इन गरीब छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का मामला देखने को मिला है. छोटे बच्चों के पोषण आहार के पैकेट में मरा हुआ चूहा मिलने पर संबंधित विभाग द्वारा बच्चों की जान से खिलवाड़ करने की बात कही जा रही है. देवरी तहसील के धवलखेड़ी में छोटे बच्चों के पोषण आहार के पैकेट में मरा हुआ चूहा मिलने की घटना लाभार्थियों की सजगता के कारण सामने आई. धवलखेड़ी स्थित आंगनवाड़ी में छोटे बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार के पैकेट में मरा हुआ चूहा मिला. इस घटना से इलाके के अभिभावकों में डर का माहौल है. इस आंगनवाड़ी से 6 महीने से 3 साल तक के बच्चों को प्रोटीन के पैकेट दिए जाते हैं. लाभार्थियों द्वारा घर जाकर पैकेट खोलने पर यह बड़ी घटना टल गई. लेकिन, इस घटना ने बच्चों के स्वास्थ्य का मुद्दा जरूर उठा दिया है.
महिला व बाल कल्याण सभापति ध्यान देंगी?
आंगनवाड़ियों में लगातार हो रही इस घटना ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. इस घटना के बाद, क्या महिला व बाल विकास विभाग की अध्यक्ष इस गंभीर मामले का संज्ञान लेकर अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगी? इस बात ने सभी तहसीलवासियों का ध्यान खींचा है. देखना यह है कि धवलखेड़ी आंगनवाड़ी में हुई इस घटना पर क्या कार्रवाई होती है.