गोंदिया. गोपाल अग्रवाल सदस्य, जोनल रेल कमेटी में इ.पू.म. रेल्वे द्वारा आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये बताया की भारतीय रेल्वे का पृथक रेल बजट आजादी के बाद से आम बजट के पहले प्रस्तुत किया जाता था। विगत दस वर्षों से एन.डी.ए. सरकार ने उपरोक्त बजट का समावेश आम बजट में कर दिया है। इस कारण जो रेल्वे क्षेत्र को आगामी वर्ष हेतु राशी का आबंटन होता था उस पर प्रतिकुल असर पड़ा है। साथ ही साथ रेल मंत्री अति विस्तृत रुप से आगामी वर्ष की रेल परियोजनाओ नई यात्री गाड़ीयो की घोषणाएँ, स्टेशनो पर कई यात्री गाड़ीयो के स्टापेज, आदि जनता की विभिन्न मांगे और संसद सदस्यो के सुझाव को तवज्जो देते दिखते थे वह भी बजट बंद होने के कारण बंद हो गया है। अभी रेल को राशी आंबटन एकदम लघु रूप में आम बजट में दिखाई पड़ता है। इससे रेल्वे विभाग की विशालता समाप्त होती दिखाई पडने लगी है।
विगत दिनो जो आम बजट पेश किया गया उसमें भी सीनीयर सीटीजनस को मिलने वाला कन्शेसन जो एन.डी.ए. सरकार ने बंद कर दिया है वह पुनः दिया जा सकता है ऐसी उम्मीदे थी किंतु देश के बुजुर्ग रेलयात्रियो को कोई राहत नहीं दी गई है। उसी प्रकार वंदे भारत, वंदे मेट्रो, अमृत भारत जैसे महंगी ट्रेने चालू करने पर फोकस देने के साथ साथ देश में कम दूरी की साधारण यात्रि गाड़ीयो जो किसान, मजबूर, गरीब परिवार यात्रा करते है ऐसी गाड़ियो की संख्या और उनमे सुविद्या बढ़ाने का विचार होता तो लाखो रेल यात्रीयो को फायदा मिल सकता था। कुल रेल्वे हेतु करीब 2.55 लाख करोड रु. प्रावधान किया गया है जिसमें अधिकांश राशी निर्माण, सुरक्षा, संरचना, पर खर्च होने वाली है। रेल यात्रियो की सुविद्या, यात्री गाड़ियो के सही समय पर आवाजाही पर विशेष ध्यान दिया गया है ऐसा नहीं दिखाई पड़ रहा है।
रेल्वे का पृथक बजट पुनः चालू होना चाहिए : गोपाल अग्रवाल
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