गोंदिया : मामलों के निपटारे के लिए न्यायालय द्वारा निकाले गए समन्स व वारंट को भी कुछ गवाहदार तथा आरोपी अनदेखी करते हुए निर्देशित तारीख पर न्यायालय में उपस्थित नही रहते जिससे मामलों की सुनवाई में देरी होती है और परिणामस्वरुप आरोपियों के छुटने का प्रमाण बढ़ जाता है. इस पर प्रतिबंध लगाने की दृष्टि से अपराध से संबंधित गवाहदार तथा आरोपी न्यायालय द्वारा जारी किए गए समन्स की तारीख पर उपस्थित रहे इस दृष्टि से 17 अप्रैल को न्यायालय में अनुपस्थित रहे 4 मामले के 5 आरोपियों को प्रति व्यक्ति 1 हजार रु. दंड, दो स्टेंडिंग वारंट में से एक को 1500 रु. दंड तथा दुसरे को न्यायालयीन हिरासत में भेज दिया गया. 3 आरोपियों के खिलाफ पकड़ वारंट जारी किए जाने से इन आरोपियों ने भय के कारण कोर्ट में हाजिर होकर अपना पकड़ वारंट रद्द करवाया. जिला पुलिस प्रशासन की ओर से न्यायालय द्वारा जारी के किए समन्स वारंट पर अमल करने का कार्य युध्दस्तर पर शुरू है. भविष्य में समन्स व वारंट को टालना गुनाहगार व गवाहदारों को भारी पड़ेगा. जिला प्रशासन ने जिले में दर्ज गुनाहों के आरोपी तथा गवाहदारों को आव्हान किया है कि न्यायालय द्वारा निर्गमित समन्स तथा वारंट में दी गई तारीख में न्यायालय में उपस्थित रहना अनिवार्य है, इसमें टालमटोल करने पर कानून कार्रवाई हो सकती है.
समन्स, वारंट की अनदेखी पड़ेगी भारी
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