Sunday, September 8, 2024
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समूह स्कूलों को लेकर दोहरे संकट में शिक्षा विभाग

कम संख्या वाले 181 स्कूल
गोंदिया. राज्य सरकार ने कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर वहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए समूह स्कूल शुरू करने का फैसला किया है. गोंदिया जिले में 181 स्कूलों की संख्या कम है. इसलिए शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के लिए प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन शिक्षा विभाग को दोहरे संकट में है क्योंकि कम संख्या वाले स्कूल समूह स्कूलों के लिए निर्धारित मानदंडों में फिट नहीं बैठते हैं. आमगांव तहसील के अंजोरा केंद्र में केवल 6 स्कूल मानदंडों को पूरा कर रहे हैं और यहां समूह स्कूल शुरू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य के प्रत्येक छात्र को अपने घर के पास ही शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक है. लेकिन राज्य के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण ऐसे स्कूलों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस असुविधा से बचने के लिए राज्य सरकार ने समूह स्कूलों की अवधारणा को आगे बढ़ाया. नंदुरबार जिले में इस समूह ने स्कूलों की गतिविधियों को लागू किया. इसी तर्ज पर अन्य जिलों में भी कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के क्षेत्र में समूह विद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे. इस संबंध में शिक्षा आयुक्त कार्यालय ने 21 सितंबर को जिला परिषद के शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर कम छात्र वाले स्कूलों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा ऐसे विद्यालयों का एकीकरण कर समूह विद्यालय बनाने संबंधी प्रस्ताव 15 अक्टूबर तक भेजने को कहा गया. गोंदिया जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने कम छात्र वाले स्कूलों की सूची तैयार की है और स्कूलों के एकीकरण की तैयारी शुरू कर दी है. जिले में 20 से कम छात्र वाले 181 स्कूल हैं. उसके लिए समूह विद्यालय प्रारंभ करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन जिले की भौगोलिक स्थिति इसमें बाधा बन रही है. शिक्षा विभाग दोहरे संकट में फंस गया है, क्योंकि कुछ स्थानों पर दूरी अधिक है, तो कुछ स्थानों पर वन क्षेत्र होने के कारण समूह विद्यालय स्थापित करना मुश्किल है और इसके अलावा सरकार ने समूह विद्यालय शुरू करने के लिए प्रस्ताव मांगा है. गोंदिया जिले में आमगांव तहसील के अंजोरा केंद्र में केवल 6 स्कूल समूह स्कूलों में रूपांतरण के मानदंडों को पूरा कर रहे हैं. सरकार और जिले के हालात दोनों के दबाव में विभाग है.

परिवहन व्यवस्था की चुनौती
जिन स्कूलों में उत्तीर्ण अंकों की संख्या कम है, उन्हें समूह स्कूल बनाने के लिए विलय कर दिया जाएगा. कम संख्या वाले विद्यालयों से विद्यार्थियों के समूह को विद्यालय तक लाने के लिए विद्यालय स्वयं परिवहन की व्यवस्था करेगा. लेकिन जिले के देवरी, अर्जुनी मोरगांव, सालेकसा जैसे दूरस्थ इलाकों में सड़क नहीं होने के कारण परिवहन की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती होगी.

अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं
गुणवत्ता की दृष्टि से विद्यार्थियों को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने तथा विद्यार्थियों के अध्ययन व बौद्धिक क्षमताओं के विकास के लिए समूह विद्यालय आवश्यक हैं. सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मानदंडों पर खरा उतरने वाले स्थानों पर समूह स्कूलों की योजना बनाई जा रही है. लेकिन यह मजबूर नहीं किया गया कि एकीकरण किया जाए. पंचायत समितियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.
दिलीप बघेले, कार्यक्रम अधिकारी

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