नाट्यगृह का निर्माण कराने में जनप्रतिनिधि के साथ प्रशासन हो रहा असफल
गोंदिया. जिले के कलाकारों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक ही स्थान पर आयोजन हो इस उद्देश्य को लेकर पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग ने गोंदिया में नाट्यगृह निर्माण कार्य के लिए 2011 को मंजूरी देते हुए 10 करोड़ रूपए की निधी उपलब्ध कराई थी। लेकिन जनप्रतिनिधि व प्रशासन की उदासिनता के कारण 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी नाट्यगृह निर्माण कार्य को पूर्ण रूप नहीं दिया गया है। अब इस नाट्यगृह की कीमत 10 करोड़ से 23 करोड़ पर पहुंच चुकी है।
बता दें कि जिले के कलाकारों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए गोंदिया नगर परिषद द्वारा रेलटोली में नाट्यगृह का निर्माण कार्य पिछले 10 वर्षों से किया जा रहा है। बताया गया है कि 14 अक्टूबर 2011 में नाट्यगृह के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग ने नाट्यगृह निर्माण के लिए 10 करोड़ रूपए की निधी मंजूर की थी। बड़े उत्साह के साथ तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के हस्ते इस नाट्यगृह का शिलान्यास भी किया गया था। ऐसा लग रहा था कि लगभग दो वर्षों में नाट्यगृह का निर्माण कार्य पुरा हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा प्रशासन की कमजोरी कहे या उदासिनता? निर्धारित कालावधी में नाट्यगृह का निर्माण नहीं हो सका और निधी के अभाव में नाट्यगृह का काम 70 प्रतिशत पर ही थम गया। 12 वर्ष पूर्ण के बावजूद भी नाट्यगृह का काम पुरा नहीं हो सका है। इस संदर्भ में नगर परिषद निर्माण कार्य विभाग से जब पुछा गया तो बताया गया कि सुधारित निधी की मांग की गई लेकिन अभी तक निधी उपलब्ध नहीं हुई है। नाट्यगृह की निधी 10 करोड़ से बढ़कर अब 23 करोड़ पर पहुंच चुकी है। निधी बढ़ जाने से इसका सबसे अधिक नुकसान जिले के कलाकारों के अलावा प्रशासन को ही पहुंचा है। इसके लिए कोई और नहीं तो प्रशासन व जनप्रतिनिधि की उदासिनता को ही दोषी माना जा रहा है।
निधी मिलते ही शुरू होगा काम
14 अक्टूबर 2011 को नाट्यगृह के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग द्वारा नाट्यगृह निर्माण के लिए 10 करोड़ की निधी मंजूर कर उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन नाट्यगृह निर्माण की कीमत बढ़ जाने से अतिरिक्त 13 करोड़ रूपए निधी की मांग की गई थी। निधी मिलते ही निर्माण कार्य को शुरूआत की जाएगी।
डाॅली मदान, अभियंता, नगर परिषद गोंदिया