गोंदिया : आदिवासी विकास महामंड़ल के सरकारी धान खरीद केंद्र पर धान बेचने वाले किसानों को वर्ष 2019-20 के दौरान बारदाना वापस नहीं किया गया. इसके अलावा महामंड़ल ने किसानों को पैसा नहीं दिया था. इसकी शिकायत सूचना का अधिकार कार्यकर्ता रोशन बडोले ने लोकायुक्त से की थी. इस बीच लोकायुक्त की फटकार के बाद इसका संज्ञान लेते हुए आदिवासी विकास महामंड़ल ने किसानों को 18 लाख बारदाना लौटाना शुरू कर दिया है.
जिले में आदिवासी विकास महामंड़ल व जिला विपणन संघ के तहत धान की खरीदी की जाती है. आदिवासी विकास महामंडल के धान केंद्र पर बेचने वाले गोंदिया व भंडारा जिले के किसानों को 2019-20 की अवधि का बारदाना वापस नहीं किया गया. इतना ही नहीं, उसकी 20 रुपये प्रति बारदाने की राशि भी वापस नहीं की गई. गोंदिया व भंडारा जिले के किसानों ने बारदाना या बारदाना की राशि वापस लेने के लिए लगातार आदिवासी विकास महामंड़ल से संपर्क किया. लेकिन निगम के अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया. इसलिए पिछले तीन वर्षों से 37 करोड़ की राशि बकाया थी. इस बीच, सूचना अधिकारी कार्यकर्ता रोशन बडोले ने इस पर ध्यान दिया और नासिक के लोकायुक्त कार्यालय तरफ आगे के कार्रवाई के लिए प्रयास किया. बारदाना या उसकी राशि वापस नहीं मिलने पर किसानों को इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखल करने की चेतावनी दी गई. इस पर संज्ञान लेते हुए आदिवासी विकास महामंडल के महाव्यवस्थपक जयसिंह राठौड़ ने किसानों को बारदाना यानी 20 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है. इससे गोंदिया-भंडारा ही नहीं बल्कि पालघर, ठाणे, चंद्रपुर, नागपुर, गढ़चिरोली जिले के किसानों को भी राहत मिली है.
बारदाना राशि की वापसी के लिए 72 करोड़ 10 लाख का फंड
आदिवासी विकास महामंडल के धान खरेदी केंद्र पर धान बेचने वाले किसानों का 36 लाख 51 हजार बारदाना बकाया था. 20 रुपये प्रति बारदाने के हिसाब से यह 72 करोड़ 10 लाख रुपये होता है. यह फंड भी महामंडल द्वारा जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है.
बारदाना राशि का वितरण शुरू
गोंदिया व भंडारा जिले के किसानों का 18 लाख बारदाना महामंडल में जमा कराया गया. करीब 3 वर्षों बाद महामंडल ने जिन किसानों का बारदाना वसूल किया था, उन्हें 20 रुपये प्रति बारदाना देना शुरू कर दिया है. इससे हजारों किसानों को राहत मिली है. किसानों ने रोशन बडोले का आभार व्यक्त किया.