373 स्कूलों में ही स्वच्छ पेयजल की सुविधा
गोंदिया. गोंदिया में जिला परिषद के 1 हजार 39 स्कूल हैं. उनमें से केवल 373 स्कूलों में ही छात्रों के लिए स्वच्छ पेयजल की सुविधा है. कुछ स्कूलों में विद्यार्थियों को कुएं, नल और हैंडपंप के पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है. एक तरफ स्कूलों को डिजिटल किया जा रहा है तो दूसरी तरफ छात्रों को पीने का साधारण पानी तक नहीं मिल रहा है, यही स्थिति अधिकांश जिला परिषद स्कूलों की है.
गोंदिया जिले में कक्षा 1 से 8वीं तक जिला परिषद प्राथमिक विभाग के 1 हजार 39 स्कूल हैं. इन स्कूलों में गरीब और सामान्य परिवारों के डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से छात्रों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन प्रशासन भोजन के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने में विफल साबित हो रहा है. 1 हजार 39 स्कूलों में से सिर्फ 373 स्कूलों में ही साफ पानी उपलब्ध कराया जा सका है. अन्य छात्र स्वच्छ जल से वंचित हैं. अशुद्ध पानी पीने से जलजनित बीमारियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. 373 स्कूलों में स्वच्छ जल की आपूर्ति है. 666 स्कूलों में विद्यार्थियों को पीने का पानी नल, हैंडपंप और कुओं से मिलता है. इसका मतलब यह है कि आधे से ज्यादा स्कूलों को साफ पानी मिलने की गारंटी नहीं है. अगले चार से पांच दिनों में जिला परिषद के स्कूल शुरू होने वाले हैं. अभी मानसून है. अधिकांश बीमारियां बरसात के दिनों में जल जनित रोगों के कारण होती हैं. इसलिए स्कूल शुरू होने के बाद छात्रों को गंदे पानी से ही अपनी प्यास बुझानी होगी. स्कूलों में गंदे पानी की समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. लेकिन न तो जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारी इस ओर ध्यान देने की जहमत उठाते दिख रहे हैं. ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य का मुद्दा सामने आ गया है. ग्राम पंचायतों को वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि का 5 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का अधिकार दिया गया है. अभिभावकों की मांग है कि संबंधित ग्राम पंचायतें और जिला परिषद इस फंड से शुद्ध पानी की व्यवस्था करें.
आज के छात्र कल का भविष्य हैं. विद्यार्थियों को स्वस्थ आहार मिले इसके लिए मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है. जिले के अधिकांश विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन बाकी स्कूलों में विद्यार्थियों को साफ पानी मिले, इसके लिए जिला परिषद प्रयास कर रही है. सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वच्छ पानी मिले, इसके लिए शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है.
यशवंत गणवीर, सभापति शिक्षा समिति