गोंदिया. मंडल सुरक्षा आयुक्त दीपचंद्र आर्य के यात्री सेवा, सुरक्षा को सर्वोपरी रखते हुए उनके द्वारा गठित मंडल टास्क टीम द्वारा प्रभारी निरीक्षक रेसुब पोस्ट गोदिया वि.के. तिवारी के सुपरविजन में पुलिस निरीक्षक विनेक मेश्राम, प्रधान आरक्षक एच.आर. लाडे़, एस. के. सिंह व आरक्षक प्रीतम, प्रदीप भारती द्वारा यात्री सामान चोरी के मद्देनजर चोरी के अपराधियों के पतासाजी व रात्रीकालीन गुप्त निगरानी में रेलवे स्टेशन गोदिया में तैनात थे. इसी दौरान 6 बजे एक मासूम बालक रोता, बिलखता, सहमा हुआ फलाट क्र. 2 में दिखाई दिया. जिसे पूछताछ करने पर सिर्फ अपना नाम पियूष, कक्षा 4थीं व पंजाब का रहने वाला बता रहा था. लेकिन एरिया का नाम, सरनेम व कहा जाना है आदि ठीक से नहीं बता पाया तथा मां का नाम सुनीता और पिता का राजू ही बता पा रहा था. मोबाइल के भी सिर्फ आखरी दो नंबर 57 ही बता पाया व बताया कि ट्रेन में मां लोग बालाघाट जाने को बैठी है, वो उन्हें सोया देख कर पास ही बनी एक्सेलेटर में चढ़ उतर का खेल, अन्य बच्चो के साथ खेल रहा था. इसी दौरान गाड़ी चल पढ़ी और वह यात्रियों की भीड़ में अकेला छूट गया. टास्क टीम द्वारा मामले को समझते ही तुरंत बगैर समय गंवाए गाड़ियों का पोजिशन लेते हुए बिरसोला स्टेशन मास्टर से समन्वय करने पर गाड़ी रवाना हुई बताया गया. तत्काल बालाघाट स्टेशन में प्रधान आरक्षक एम.के. सक्सेना को सूचित किया गया. उनके द्वारा लड़के की भेजी गई तस्वीर को देख कर रो रही मां सुनीता को दिखाया व तुरंत मोबाइल से संपर्क कर पूछताछ में अपना नाम सुनीता पति राजू (32) निवासी फगवाड़ा जिला कपूरथला पंजाब के रहने वाले व फगवाड़ा से नागपुर और नागपुर से बालाघाट कटंगी शादी समारोह में जाना बताया. बच्चे की बात कराते हुए बच्चे की मां को आरपीएफ पोस्ट गोंदिया बुलाया गया. मां ने अपने लाडले को देखते ही भावविभोर होकर चूमने लगी. पुष्टि उपरांत मां को उसके मासूम बच्चे को सुपुर्द किया गया.
8 साल के बच्चे को किया उसकी मां के सुपूर्द
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