गोंदिया. शहर में आगामी नगर परिषद चुनाव का बिगुल बजते ही ‘भावी पार्षद’ शब्द राजनीतिक माहौल में सबसे ज्यादा प्रचलित हो गया है. हर प्रभाग में इच्छुक उम्मीदवार खुद को ‘भावी पार्षद’ के रूप में पेश कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप स्टेटस से लेकर सड़कों पर लगे बैनर और फ्लेक्स तक, ‘भावी पार्षद’ नाम दिखाई दे रहा है. इस नए ‘ट्रेंड’ ने राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चाएं पैदा कर दी हैं. इच्छुक उम्मीदवार नागरिकों की समस्याओं पर चर्चा करने, प्रभाग के नागरिकों से मिलने और अपने काम की झलक दिखाने के लिए जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. ‘भावी पार्षद’ के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ उम्मीदवारों ने समाज सेवा, स्वच्छता और क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है.
पिछले कुछ हफ्तो में, ‘भावी पार्षद’ हैशटैग सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है. स्थानीय स्तर पर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं और ‘इस प्रभा का भावी पार्षद कौन है?’ यह सवाल नागरिकों के बीच चर्चा का एक बड़ा विषय बन गया है. इस बीच, विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने भी अपने नेताओं को ‘भावी पार्षद’ के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है. कुछ जगहों पर समर्थकों ने माहौल को गर्माने के लिए बड़े-बड़े पोस्टर और स्वागत बैनर लगाए हैं. कुछ उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर अपनी विकास योजनाओं की जानकारी देकर मतदाताओं से संवाद करना शुरू कर दिया है. उम्मीदवार ‘विकास के लिए तैयार भावी पार्षद’ जैसे नारे देकर और सड़क, पानी, सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करके नागरिकों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी तक अपने आधिकारिक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कई इच्छुक उम्मीदवार अभी से प्रचार अभियान में जुट गए हैं और कह रहे हैं, टिकट मिले या न मिले, लोगों के दिलों में जगह बनाना जरूरी है.
इच्छुक उम्मीदवारों का जनसंपर्क जोरों पर
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