भाजपा का गढ़ उजड़ा : परशुरामकर व दहीवले जीते
गोंदिया : महाविकास अघाड़ी ने एक दशक से सत्ता पर रहें भाजपा के गढ़ में सुरंग बनाकर सहकारी क्षेत्र में सत्ता मानी जाने वाली कृषि उत्पन्न बाजार समिति पर कब्जा कर लिया. 23 मई को हुए बेहद कड़े चुनाव में सभापति पद पर यशवंत परशुरामकर और उपसभापति पद पर अनिल दहीवाले ने जीत हासिल की.
अर्जुनी मोरगांव कृउबास सभापति, उपसभापति पद का चुनाव 23 मई को समिति कार्यालय के भवन में हुआ. राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव काफी प्रतिष्ठा वाला रहा. क्योंकि भाजपा और महाविकास अघाड़ी द्वारा समर्थित पार्टी के संचालक 9-9 चुने गए थे. इसलिए चुनाव को लेकर काफी तनाव था. राजनीतिक विश्लेषकों और जनता की नजर चुनाव पर थी. नवनिर्वाचित भाजपा समर्थित संचालकों को राय बंटने से बचाने के लिए तीर्थयात्रा के लिए भेजा गया था. लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा के एक उम्मीदवार ने महाविकास अघाड़ी से हाथ मिला लिया और महाविकास अघाड़ी का रास्ता साफ हो गया. सभापति पद के लिए भाजपा के 4 और महाविकास अघाड़ी के समर्थन से 2-2 नामांकन पत्र दाखिल किए गए. भाजपा समर्थित काशिफ जमा कुरैशी व लायकाराम भेंडारकर व महाविकास अघाड़ी समर्थित से यशवंत परशुरामकर व लोकपाल गहाने ने नामांकन पत्र दाखिल किया. भाजपा समर्थित दोनों प्रत्याशियों के बीच लंबे समय से सुलह नहीं हो पाई थी. लायकराम भेंडारकर आखिरी समय में मैदान से बाहर चले गए जब भाजपा सोच रही थी कि दोनों उम्मीदवारों की उम्मीदवारी जारी रहेगी या नहीं. लोकपाल गहाने महाविकास अघाड़ी से हट गए. अंत में सभापति पद के लिए यशवंत परशुरामकर और काशिफ जमा कुरैशी के बीच मुकाबला हुआ. वहीं भाजपा की एक राय फूटी. महाविकास अघाड़ी के परशुरामकर को 10 और भाजपा के कुरैशी को 8 मत मिले. सभापति पद पर यशवंत परशुरामकर जीते.
उपसभापति पद का चुनाव भी रंगारंग रहा. इसके लिए भाजपा और महाविकास आघाड़ी के बीच सीधी टक्कर थी. भाजपा के लिए प्रदीप मस्के और महाविकास आघाड़ी के लिए अनिल दहिवले ने नामांकन दाखिल किया. दहिवले को 9 और मस्के को 8 वोट मिले थे. एक मतपत्र खाली निकला. आखिरकार उपसभापति पद पर अनिल दहिवले की जीत हुई.
APMC पर महाविकास अघाड़ी का कब्जा
RELATED ARTICLES