गोंदिया. जिले में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश हो रही है. जिसमे धान की फसल को काफी राहत मिली है. लेकिन अभी तक जिले में औसतन 84.5 प्रश. ही बारिश हुई है. जबकि अब मानसून वापसी की राह पर है. ऐसे में जिले के बड़े जलाशयों में मुश्किल से 65 प्रश. ही जल भंडारण हुआ है. इस स्थिति में अगले वर्ष गर्मियों में पानी की कमी ही आशंका व्यक्त की जा रही हैं. ऐसे में रबी फसल के लिए पानी मिलना मुश्किल लग रहा है.
बाघ सिंचाई विभाग के तहत आने वाले शिरपुर बांध की जल भंडारण क्षमता 112.540 है और अब तक 101.226 दलघमी जल भंडारण हुआ है. कालीसरार बांध की भंडारण क्षमता 19.595 दलघमी है. अब तक 17.121 दलघमी जल संग्रह हुआ है. इसके अलावा पुजारीटोला बांध की जल भंडारण क्षमता 45.441 दलघमी है और अब तक 30.514 दलघमी जल संग्रह हुआ है. शिरपुर बांध में पिछले वर्ष 89 प्रश. पानी था, जबकि इस समय 63.35 प्रश. ही पानी है. कालीसरार बांध अब तक 65.74 प्रश. भर चुका है. पिछले वर्ष यह बांध 95 प्रश. भरा था. पुजारीटोला बांध अब तक 70.10 प्रश. भर चुका है. पिछले वर्ष 76.95 प्रश. पानी था. जुलाई-अगस्त में हुई अतिवृष्टि की वजह से पुजारीटोला बांध से औसतन 72.88 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
15 प्रश. कम बारिश
गोंदिया जिले में पूरे वर्षभर में 1401 मिमी वर्षा होती है. जबकि मानसून में जून से सितंबर तक औसरत 1220.3 मिमी वर्षा दर्ज की जाती है. लेकिन इस वर्ष जिले में औसतनन 907.8 (84.5 प्रश.) मिमी बारिश दर्ज की गई है. कम बारिश से कई स्थानों पर खरीफ मौसम के चावल की फसल को भी नुकसान हो रहा है. सितंबर का पहला सप्ताह खत्म हो चुका है और अगर बारिश नहीं हुई तो धान की फसल को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है. जिले की कई तहसीलों के लिए महत्वपूर्ण कहे जाने वाले बांध भी खाली रहेंगे और इससे जल संकट की संभावना है.