कलेक्टर, फारेस्ट अधिकारियों के साथ बैठक लेकर लिया गया सकारात्मक निर्णय
गोंदिया : गोंदिया जिले के देवरी तहसील के देवरी स्थित वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय के समीप पिछले 30 मई से वनविभाग द्वारा वन निवासियों को ग्राम सभा वनहक कानून से वंचित रखने, वनउपज का लाभ न देने व वनविभाग द्वारा बर्बरता पूर्ण अनुसूचित जमाती व अन्य पारंपरिक वननिवासीयों के साथ अन्याय को लेकर वनविभाग के खिलाफ जारी वनहक धारकों के आमरण अनशन को आज जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने भेंट दी।
इस भेंट के दौरान अनशनकर्ता वन निवासी किसानों की योग्य मांगों पर डॉ. फुके ने उनसे चर्चा कर व वनविभाग के अधिकारियों के गलत रवैये के खिलाफ शख्त रुख अपनाकर स्वयं अनशन पर बैठकर अधिकारियों को देवरी तलब किया।
देवरी के तहसील कार्यालय में वन निवासियों की योग्य मांगों को लेकर जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे, पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगळे, डीएफओ कुलराज सिंग, वन अधिकारी तेंदू कैंम्प सदगीर, एसडीओ देवरी अनमोल सागर, के साथ बैठक लेकर अनशन कर्ताओ की विविध मांगो पर लंबी चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके के साथ एड. गोडे सर, वीरेंद्र (बाळा भाऊ) अंजनकर, पूर्व विधायक संजय पुराम, सहित अनशनकर्ताओं की मौजूदगी रही।
बैठक में अनुसुचित जमाती व ईतर पारंपारिक वननिवासी अधिनियम २००६ व नियम २०০८ एवं सुधारित नियम २०१२ (वन हक्क कायदा २००६) अन्वये ग्रामसभा को प्राप्त स्वामित्व हक के अधिकार अधिनियम में वन विभाग द्वारा आ रही बाधाओं, , ग्रामसभा वनहक अधिकार के किसानों पर कार्रवाई करने, ग्रामसभा को वन उपज तेंदुपत्ता संकलन करने का अधिकार होते हुए वनविभाग द्वारा लक्ष्य रद्द कर टीपी, संकलन, बिक्री आदि पर रोक लगाने, ग्राम महासभा में समाविष्ट परसोड़ी, येळमागोंदि, केशोरी, उचेपुर व मोहगाव के वन हक दावों के प्रलंबित मामलों पर सकारात्मक चर्चा हुई।
चर्चा में इस बैठक में जिलाधिकारी की उपस्थिति में आपसी समन्वय के तहत वनविभाग द्वारा निर्णय लिया गया कि, जो प्रक्रिया ग्रामसभा अधिकार द्वारा की जा रही उसमें वनविभाग किसी भी तरह का हस्तक्षेप फिलहाल नही करेगा। लेकिन आगामी वनउपज प्रक्रिया हेतु शर्तो के तहत सभी उचित कार्रवाई (सीएफआर, टीपी) आदि की प्रक्रिया सीजन के पूर्व नवम्बर तक पूर्ण करने पर सहमति के साथ चर्चा हुई।
इस बैठक में ग्रामसभा के अनशन धारकों में नारायण सलामे, गोपाल कोरेटी, मडावी गुरुजी, चेतन उईके, राजू साहू, मोतीराम सयाम, नेतराम हिडामी, जगह सलामे, महारु भोंगाड़े, बलिराम कुंभरे, संतोष भोयर, नूतन कोवे, जयराम कोरेटी, खेमराज सलामे, धनुष जनबन्धु सहित अनेक लोगो का समावेश रहा।
पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके की दखल से समाप्त हुआ 8 दिन से चल रहा वनहक्क धारकों का आमरण अनशन
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