नागपुर : यदि आंकड़ों की माने तो नागपुर शहर (मनपा सीमा) में हर दिन करीब 80 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। जनवरी में 2473 लोगों की मृत्यु हुई है। इस हिसाब से हर दिन करीब 80 आैर हर घंटे में 3 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। शहर में हाईटेक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध होने के बावजूद हर घंटे 3 से अधिक लोगों की मृत्यु गंभीर बात हैै। हालांकि पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह संख्या सबसे कम है। इस बीच नागपुर शहर में जनवरी में 4215 बच्चों को जन्म हुआ। यानी हर दिन 136 आैर हर घंटे 5 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ है।
जनवरी 2020 में हर दिन हुई थी 98 मौतें : पिछले 5 सालों के आंकड़ों को देखें तो तो शहर में जनवरी 2020 में सबसे ज्यादा 3027 लोगों की मौत हुई थी। मौतें अधिक होने के लिए कोरोना को जिम्मेदार माना गया था। उस समय हर दिन 97.64 लोगों की मौत हुई थी, यानी हर घंटे 4 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
इतनी ज्यादा मौत होने की वजह : पिछले कुछ वर्षों में सड़क दुर्घटनाआें में तेजी से इजाफा हुआ है। नागपुर में आैसत हर दिन सड़क दुर्घटना होती है। दुर्घटना में किसी की मृत्यु तो कोई गंभीर रूप से जख्मी हो जाता है। इसी तरह फांसी लगाकर, जहर खाकर आैर सामूहिक आत्महत्या करने की घटनाएं भी होती रहती हैं। प्राणघातक हमले व घातक बीमारियां भी जीवनलीला समाप्त कर देती हैं।
मृतकों में पुरुषों की संख्या अधिक : मनपा के जन्म-मृत्यु विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, नागपुर शहर में जनवरी महीने में 2473 लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें 1403 पुरुष व 1070 महिलाएं शामिल हैं। इसमें सामान्य व असामान्य तौर पर होने वाली मौतें शामिल हैं, जैसे प्राकृतिक मौतें, सड़क दुर्घटना, घातक बीमारी, घटनाएं व हादसों (आत्महत्या) में मरने वाले भी शामिल है। इसी तरह शहर में जनवरी महीने में 4215 बच्चों का जन्म हुआ, जिसमें 2130 लड़के व 2085 बच्चियों का समावेश है।