नागपुर : देश की सर्वोच्च अदालत ने हत्या के आरोपी नागपुर निवासी प्रेमचंद चंद्रभान चरड़े की उम्रकैद की सजा खारिज कर दी है। साथ ही आरोपी द्वारा अब तक काटी गई 9 वर्ष की जेल की सजा को पर्याप्त मानकर उसे बरी करने का आदेश दिया है। यह मामला 26 सितंबर 2013 का है। काटोल क्षेत्र में आरोपी और फरियादी पक्ष के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। जिसमें चरड़े ने चाकू से नंदकिशोर कोरडे पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस हमले में अन्य 3 व्यक्ति भी घायल हुए थे। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302, 307 के तहत मामला दर्ज किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 6 अगस्त 2019 को याचिकाकर्ता को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 6 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ आरोपी ने अधिवक्ता सुधीर वोडितेल के जरिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की। आरोपी की ओर से दलील दी गई कि, यह कोई सोची-समझी या इरादतन की गई हत्या नहीं है। दो गुटों के बीच विवाद में यह हादसा हुआ। ज्यादा से ज्यादा आरोपी पर सदोष मनुष्यवध का मामला बनता है, हत्या का नहीं। मामले में सभी पक्षों को सुनकर सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है।
हत्यारोपी की उम्रकैद खारिज, सर्वोच्च न्यायालय का फैसला
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