Tuesday, November 25, 2025
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तिरोड़ा नप चुनाव में उम्मीदवार जोश में और वोटर दुविधा में

गोंदिया. तिरोड़ा तहसील में स्थानीय नगर निकाय चुनाव में माहौल गरमा गया है और उम्मीदवार भले ही पूरे जोश के साथ प्रचार में जुटे हैं, लेकिन वोटर असमंजस में फंसे हैं. एक तरफ चार बड़ी पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, राकांपा (अजीत पवार गुट) और शिंदे सेना के बीच सीधा मुकाबला होगा. लेकिन, दूसरी तरफ टक्कर में खड़े निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव क्षेत्र की तस्वीर को उलझा रहे हैं. वोटर दुविधा में हैं कि रिश्ते निभाएं या विकास के लिए वोट करें.
प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को लेकर प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में असंतोष का भाव है. कई के पते चले गए हैं तो कुछ ने शिंदे सेना, उद्धव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अप) का दामन थाम लिया है. वहीं कुछ निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं. इससे राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के सामने चुनौती बढ़ गई है. मतदाताओं का रुझान, पार्टी के साथ व्यक्ति का महत्व सभी प्रमुख दलों ने मनपा चुनाव को प्रतिष्ठापूर्ण बना दिया है. लेकिन मतदाताओं का गणित बदलता दिख रहा है. ऐसी तस्वीर है कि पार्टी से ज्यादा प्रत्याशी की कार्यशैली, छवि, व्यक्तिगत संबंध, उपलब्धता को महत्व दिया जा रहा है. निर्वाचन क्षेत्र में चर्चा है कि स्थानीय स्तर के संबंधों और कामकाज का चुनाव के नतीजे पर बड़ा असर पड़ता है.

नगराध्यक्ष के लिए पांच पार्टियां आमने-सामने
नगर परिषद नगराध्यक्ष पद के लिए 7 तथा 20 पार्षद पद के लिए 91 उम्मीदवार मैदान में है. नगराध्यक्ष पद के लिए भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (अप), राष्ट्रवादी कांग्रेस (शप) व शिंदे सेना के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. इसे देखते हुए, हर पार्टी ने वोटरों तक पहुंचने के लिए अपनी-अपनी प्लॉनिंग बनानी शुरू कर दी है. कुछ ने घर-घर जाकर और वार्ड-वाइज प्रचार रैलियां करने का प्लान बनाया है. उम्मीदवारों को वोटरों तक पहुंचने में मुश्किल होगी. उम्मीदवारों को कुछ वोटरों के काम के समय का फायदा उठाते हुए प्रचार करना होगा. निर्दलीय उम्मीदवार भी कड़ी टक्कर देंगे. कुछ वार्डों में पार्टी ने उन्हें सही समय पर टिकट नहीं दिया, इसलिए उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर मैदान में कूद पड़े हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने वार्ड में अपने कनेक्शन और नागरिकों के सपोर्ट को देखते हुए यह फैसला लिया है. अब उनकी तैयारियों को देखकर साफ है कि वे चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों से मुकाबला करेंगे या किसी का हिसाब बिगाड़ेंगे.

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