नागपुर : उद्घाटन के बाद शुरुआती 100 दिनों में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर 900 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र सरकार के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के सर्वे से पता चली है। ये आंकड़े 20 मार्च, 2023 तक के हैं। इन दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, अधिकारियों ने अब एक्सप्रेसवे के सभी प्रवेश द्वार पर ड्राइवर की अनिवार्य काउंसलिंग शुरू करने का निर्णय लिया है। हमारे सहयोगी टीओआई ने बीते 31 दिसंबर, 2022 को समृद्धि एक्सप्रेसवे पर ड्राइवरों के लिए परामर्श केंद्र स्थापित करने की योजना के बारे में बताया था। इस हाई वे के पहले खंड शिरडी के हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 दिसंबर को किया था।
मंगलवार को राज्य परिवहन विभाग और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक की। वहीं बैठक की अध्यक्षता करने से ठीक एक दिन पहले, उप परिवहन आयुक्त भरत कलास्कर ने एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करने के लिए करीब 500 किलोमीटर की यात्रा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक्सप्रेसवे के सभी आठ एंट्री पोस्ट पर ड्राइवरों की अनिवार्य काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग का ज्यादा फोकस ओवरस्पीडिंग पर कंट्रोल लगाने पर होगा। इसके लिए नागपुर-शिर्डी खंड में आठ परामर्श केंद्र बनाए जाएंगे। प्रत्येक जिले में एक केंद्र अगले सात दिनों में स्थापित किया जाएगा। आरटीओ अधिकारियों द्वारा ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाने के लिए ड्राइवरों के लिए 30 मिनट से 1 घंटे का परामर्श सत्र होगा। जो कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं होने का बड़ा कारण है।
परामर्श सत्र सड़क सुरक्षा पर एक लघु फिल्म के साथ शुरू होगा। जिसके बाद ड्राइवर के जरिए प्रश्न पत्र हल किया जाएगा और खतरनाक ड्राइविंग में शामिल नहीं होने की शपथ दिलाई जाएगी। चालकों को टायरों के कम/अधिक फुलाए जाने और घिसे-पिटे टायरों के खतरों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बोर्ड लगाने के लिए एमएसआरडीसी को कई निर्देश भी दिए गए। इस दौरान 11 दिसंबर, 2022 से 20 मार्च, 2023 तक समृद्धि एक्सप्रेसवे के दुर्घटना के आंकड़ों को खंगाला गया। जिसके मुताबिक वाहनों की तेज स्पीड के कारण हुई यांत्रिक खराबी के कारण 400 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं। वहीं टायर पंक्चर और टायर फटने के कारण क्रमशः 130 और 108 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं। इसी तरह, यातायात के लिए खोले गए एक्सप्रेसवे के हिस्से पर ईंधन से चलने वाले वाहनों ने 14 फीसदी (126) दुर्घटनाओं में योगदान दिया। हालांकि सर्वे के मुताबिक कोई अलग डेटा साझा नहीं किया गया था। समृद्धि महामार्ग पर दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में पीछे से लड़ने पर दुर्घटनाएं, ड्राइवरों का सो जाना, तकनीकि खराबी होना या फिर वाहन के सामने जानवरों का अचानक आ जाना शामिल था। इस बैठक में नागपुर ग्रामीण और शहर के कार्यवाहक आरटीओ विजय चव्हाण और रवींद्र भुयार, आईएमवी अशफाक अहमद और एमएसआरडीसी के वरिष्ठ अधिकारी बालाजी मंगम मौजूद रहे।
100 दिन में 900 एक्सीडेंट, 31 ने गंवाई जान, समृद्धि एक्सप्रेसवे पर आखिर हो क्या रहा है
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