Sunday, September 8, 2024
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11 हजार किसानों को मिला फसल बीमा योजना का लाभ

15811 किसानों ने कराया था फसल बीमा : 2.74 करोड़ रु. रिफंड
गोंदिया. फसल कटने के बाद भी लाभ नहीं मिलने के कारण पिछले तीन साल से किसानों ने फसल बीमा लेना बंद कर दिया है. पिछले साल जिले के 15811 किसानों ने ही फसल बीमा लिया था. जिसमें से बीमा कंपनी ने 10980 किसानों को फसल बीमा लाभ के लिए 2 करोड़ 68 लाख रु. मुआवजे के रूप में स्वीकृत किए हैं. फसल कटाई के बाद नुकसान झेलने वाले 156 किसानों को 16 लाख का मुआवजा दिया गया.
प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति के मामले में मुआवजा पाने के लिए किसान खरीफ और रबी मौसम के दौरान फसल बीमा लेते हैं. बीमा कंपनियां इसके लिए प्रीमियम भरती हैं. लेकिन पिछले तीन-चार साल के अनुभव को देखते हुए नुकसान के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसानों ने फसल बीमा लेना बंद कर दिया है. इसलिए जिले में जब 2 लाख 50 हजार किसान हैं फिर भी पिछले खरीफ सीजन में केवल 15 हजार 811 किसानों ने फसल बीमा कराया था. सरकार ने प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग फसल बीमा कंपनियों का चयन किया है. एचडीएफसी इर्गो बिमा कंपनी को गोंदिया जिले के लिए चुना गया है. खरीफ सीजन के लिए फसल बीमा की कुल किस्त 4375 रु. थी. इसमें किसानों को 875 रु. प्रति हेक्टेयर और राज्य सरकार को 1770 रु. प्रति हेक्टेयर का भुगतान कर बीमा कराया गया. किसानों ने पिछले साल फसल खराब होने पर मुआवजे के लिए आवेदन किया था. बीमा कंपनी ने फसल बीमा क्षतिपूर्ति के पात्र 10980 किसानों के मुआवजे के लिए 2 करोड़ 68 लाख रु. की राशि स्वीकृत की है. इसलिए इस साल पहली बार मुआवजा पाने वाले किसानों की संख्या ज्यादा नजर आ रही है.

151 किसानों को हुआ फायदा
पिछले खरीफ सीजन में धान की कटाई के सीजन में बारिश हुई थी. इससे भारी बारिश के कारण काफी मात्रा में कटा हुआ धान बर्बाद हो गया. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ. जिन किसानों ने फसल बीमा कंपनी से फसल बीमा कराया था. इनमें से 151 किसानों को फसल बीमा कंपनी द्वारा मुआवजे के रूप में 16 लाख रु. की राशि स्वीकृत की गई है.

फसल बीमा कराने का चलन हो रहा कम
फसल बीमा का पिछला अनुभव अच्छा नहीं रहा है. इसलिए कई किसान फसल बीमा कराने की ओर अनदेखी कर रहे हैं. इसलिए देखा जा रहा है कि किसानों का फसल बीमा कराने का रुझान कम हो रहा है.

इस साल मुआवजा मिलेगा क्या?
जिले में इस साल हुई बेमौसम बारिश से मक्का और बागों के साथ धान की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. नुकसान झेलने वाले कई किसानों ने फसल बीमा करवाया है. साथ ही उन्होंने नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी व कृषि विभाग को भी दी है. इसलिए किसानों द्वारा यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या इस साल किसानों को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियां करेंगी. इसमें बीमा कंपनी की क्या भूमिका है, इस पर नजरे टिकी है.

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