आवश्यकता नहीं होने के बावजूद पदोन्नति के आदेश
गोंंदिया. जिला परिषद से कैसे आदेश जारी होंगे, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है और अर्जुनी मोरगांव के जिप हाईस्कूल में शिक्षक की जरूरत नहीं होने के बावजूद शिक्षक के पदोन्नति के आदेश जारी किए गए है.
जिप सीईओ अनिल पाटिल ने 3 मई को एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. इस आदेश के अनुसार वर्ष 2018 से आज तक जिन शिक्षकों का अन्यत्र तबादला कर दिया है, उन्हें स्थानांतरित जगह पर कार्यभार ग्रहण करना होगा. यह आदेश निश्चित रूप से लोकाभिमुख है. क्योंकि जिला परिषद स्कूलों में गरीबों के बच्चे पढ़ाई करते है. जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है. सुविधाओं का अभाव है. इस निर्णय के माध्यम से जिन स्कूलों में कमी है, उन स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे. बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी. लेकिन कुछ आदेश गलत ढंग से भी जारी कर दिए जाते है. जिससे सरकार को नुकसान भी उठाना पड़ता है. स्कूल में शिक्षक नहीं होने से लोग परेशान हो रहे है. इस कारण शिक्षक नियुक्ति की मांग की जा रही है. इसके बावजूद वर्षों से उन स्कूलों को शिक्षक नही मिल पा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अर्जुनी मोरगांव के जिप हाईस्कूल में वर्ष 2020-21 के बैच की स्वीकृति के अनुसार, कला शाखा के शिक्षकों के चार पद स्वीकृत है. ये चारों पद भरे हुए है. इसके बावजूद प्राथमिक शिक्षा विभाग के आदेश के तहत डब्ल्यू.वी. येरणे को पदोन्नति दे दी गई. इस वजह से यह सवाल उठाया जा रहा है कि इस पदोन्नति के कारण शिक्षक पर होने वाले सरकारी खर्चे के लिए जिम्मेदार कौन रहेगा? क्या इस मामले की कोई जांच होगी? दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
कहीं शिक्षक नहीं, तो कहीं अतिरिक्त
RELATED ARTICLES