मानसून खत्म होने के बाद भी खतरा बरकरार
गोंदिया. देखा जाता है कि मानसून के दौरान मच्छर जनित बीमारियां अधिक होती हैं. लेकिन अब जबकि मानसून खत्म हो गया है. डेंगू का खतरा कम होता नजर नहीं आ रहा है. जिले में 21 अक्टूबर और नवंबर तक यानी डेढ़ महीने के अंदर डेंगू के 33 मरीज सामने आ चुके हैं. इससे तो यही कहा जा सकता है कि बरसात खत्म होने के बाद भी डेंगू का खतरा कम नहीं हुआ है.
बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा बीमारियां बढ़ जाती हैं और पानी से लेकर खाने तक हर चीज का ध्यान रखना पड़ता है. इस बीच जिलेवासियों को मच्छरों से कोई निजात नहीं है और उनके जहरीले डंक का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि जिले में हर साल मलेरिया और डेंगू की दस्तक होती है. इस साल भी जिले में मलेरिया और डेंगू ने दस्तक दे दी है. इनका सामना जिलेवासियों को करना पड़ रहा है. अक्टूबर माह से जिले से बारिश खत्म हो गई है. इसके बाद मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप कम होने की आशंका थी. लेकिन स्थिति इसके विपरीत है. मानसून खत्म होने के बाद भी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा कम नहीं हुआ है. अक्टूबर व नवंबर माह में जिले में डेंगू के 33 मरीज मिले हैं. इसमें अक्टूबर माह में 28 दिन में पांच और नवंबर माह में 21 मरीज मिले हैं.
गोंदिया तहसील में ज्यादा खतरा
इस साल गोंदिया तहसील में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं. अब अक्टूबर और नवंबर महीने में भी यही पैटर्न देखने को मिला. क्योंकि अक्टूबर माह में जिले में 28 मरीज मिले हैं, जिनमें से 10 मरीज गोंदिया तहसील से हैं. नवंबर महीने में 5 मरीज मिले हैं. सौभाग्य से गोंदिया तहसील में कोई मरीज नहीं है.