Tuesday, January 21, 2025
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डेढ़ साल से बिना अधिकारियों के ‘समाज कल्याण’ कर्मचारियों के 14 पद खाली

गोंदिया. वंचित व कमजोर वर्गों को विकास की धारा में लाने के लिए जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग के माध्यम से कई योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं. लेकिन उन योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी संभालने वाले समाज कल्याण अधिकारी का पद पिछले डेढ़ साल से खाली पड़ा है. वहीं कार्यालय में 16 में से 14 पद खाली हैं. जिससे योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचने में एक साल लग जाता है. जिले में समाज कल्याण अधिकारी का पद शुरू से ही प्रभारी के भरोसे छोड़ा गया है. पहले से ही पिछड़े गोंदिया जिले में वंचितों को कब न्याय मिलेगा, ऐसे सवाल उठाए जा रहे हैं.
वंचित व कमजोर वर्गों को विकास की धारा में लाने के लिए समाज कल्याण विभाग का निर्माण किया गया. भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुसार इस विभाग के माध्यम से कमजोर वर्गों विशेषकर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक विकास की योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं. शैक्षणिक और आर्थिक हितों के संवर्धन के लिए कमजोर वर्गों की विशेष देखभाल के साथ-साथ उन्हें सामाजिक अन्याय से बचाने की जिम्मेदारी भी इस विभाग पर रखी गई थी. उसके लिए जिला परिषद में अलग से कार्यालय और पद भी बनाए गए. गोंदिया जिले में बड़ी संख्या में वंचित और कमजोर वर्ग हैं. लेकिन सरकार ने इन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए जनशक्ति उपलब्ध नहीं कराई है. फलस्वरूप उन योजनाओं को क्रियान्वित करने में विभाग को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. कुछ अधिकारियों को छोड़ कर इन 23 वर्षों के दौरान जिले में समाज कल्याण अधिकारी प्रभारी बने रहे. राज्य के तत्कालीन सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले के कार्यकाल में भी यह अधिकारी अपने ही जिले में प्रभारी थे. विभाग में जहां कर्मचारियों के 16 पद खाली हैं, वहीं कर्मचारियों के केवल 2 पद ही भरे हुए हैं. बाकी कर्मचारियों को राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग से उधार पर लिया गया है. रिक्त पदों के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है.

सांसद के माध्यम से किया प्रयास
समाज कल्याण अधिकारी का पद पिछले डेढ़ साल से खाली है. इसलिए योजनाओं का लाभ वंचित वर्ग तक नहीं पहुंच पाता है. कर्मचारियों के पद भी रिक्त हैं. जिला परिषद को लाभार्थियों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है. लाभार्थी लाभ से वंचित हैं. इसलिए अधिकारियों व कर्मचारियों के पदों को भरने के लिए सांसद प्रफुल्ल पटेल के माध्यम से प्रयास किया गया है.
पूजा सेठ, अध्यक्ष, समाज कल्याण समिति

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