पिता की मृत्यु के बाद पुत्र की वरिष्ठों से शिकायत
गोंदिया. पिछड़ा वर्ग किसानों को डा. बाबासाहेब आंबेडकर कृषि स्वावलंबन योजना के तहत सरकार कुएं, मोटर पंप, पाइप और बिजली कनेक्शन के लिए सब्सिडी देती है. इसके मुताबिक दो साल पहले तहसील के मुरपार के किसान विश्वनाथ मोतीराम राऊत के खेत में बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर लगाए गए थे. लेकिन अभी तक बिजली नहीं जोड़ी गई है. इसलिए संबंधित किसान को उक्त योजना के लाभ से वंचित होना पड़ा. इसमें किसान विश्वनाथ राऊत की मौत हो गई. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इस बीच उनके बेटे ने मुख्यमंत्री सचिवालय, जिलाधीश व मुख्य कार्यकारी अभियंता को ज्ञापन देकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
यह योजना किसान को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है. लेकिन योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. इसका प्रमाण मुरपार की स्थिति से मिल रहा है. तिरोड़ा तहसील के मुरपार के किसान विश्वनाथ मोतीराम राऊत को 2020 में एक कुएं के लिए मंजूरी दी गई थी. राऊत ने कुआं बनवाकर बिजली आपूर्ति प्राप्त करने की मांग का भुगतान चेक से भी किया. बिजली विभाग की ओर से उनके खेत में बिजली कनेक्शन के लिए बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर लगाए गए थे. लेकिन खेत में बिजली जोडी नही गई. इसके चलते किसान ने बिजली विभाग में पूछताछ की तो वड़ेगांव शाखा अभियंता से संपर्क करने को कहा गया. वह अक्सर संबंधित विभाग के चक्कर लगाता था. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. इस दौरान उनकी मौत हो गई. इस बीच उनके पुत्र हेमराज राऊत बार-बार वडेगांव शाखा अभियंता के पास गए और बिजली कनेक्शन की गुहार लगाई. लेकिनन उनके खेत में अभी भी बिजली नहीं जुड़ी हैं. यह महावितरण के उपेक्षित प्रशासन को दर्शाता है. किसान हेमराज राऊत ने मुख्यमंत्री सचिवालय कार्यालय, गोंदिया के जिलाधीश व कार्यकारी अभियंता विद्युत वितरण कंपनी गोंदिया को ज्ञापन देकर क्षति का मुआवजा देकर तत्काल बिजली कनेक्शन देने की मांग की है.
दो साल से बिजली कनेक्शन का इंतजार कर रहा किसान
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