पशु चिकित्सा विभाग ने प्रत्येक गांव में जाकर किया था वैक्सीनेशन
गोंदिया : जिले में लंबे अंतराल के बाद फिर से लंपी संक्रमण पैर पसार रहा है. हालांकि पशु चिकित्सक विभाग की ओर से इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जिले के प्रत्येक गांवों में जाकर पशुधनों को वैक्सीनेशन कराया गया था. इसके बाद भी सैकड़ों मवेशी लंपी बीमारी की चपेट में आने से पशुपालक चिंतित है. गोरेगांव तहसील के पिंडकेपार सहित अन्य गांवों में पशुधन की जांच के दौरान लंपी संक्रमित दिखाई दे रहे हैं. वर्ष 2022 में लंपी बीमारी ने कहर बरपाया था. इस बीमारी की चपेट में आने से सैकड़ों पशुधनों की मृत्यु हो गई थी. ऐसे में पशु चिकित्सक विभाग की ओर से इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जिले के प्रत्येक गांवों में जाकर पशुधनों का वैक्सीनेशन कराया गया था. जिले के सीमा पर बसे ग्रामों में शिविरों का आयोजन किया गया था. यहां तक की लंपी बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए जिले के मवेशियों के साप्ताहिक बाजारों पर रोक लगाई गई थी. इतना ही नहीं तो अन्य राज्यो तथा जिलो से पशुधनो के परिवहन पर भी नियंत्रण रखा गया था. धीरे-धीरे लंपी संक्रमण बीमारी कम होते गई और जिले में इस बीमारी पर प्रशासन ने नियंत्रण पा लिया था. लेकिन फिर से लंबे अंतराल के बाद जिले में लंपी बीमारी ने आगमन किया है. गोरेगांव तहसील के पिंडकेपार निवासी देवानंद पटले, सेवकराम पटले, गुणीलाल मेश्राम सहित अनेक ग्रामों के पशुधन मालिको के मवेशियों पर लंपी बीमारी पाई गई है.
तहसील में लंपी बीमारी से पशुधन संक्रमित पाए जा रहे है. प्रत्येक गांव-गांव में जाकर मवेशियों को वैक्सीन लगाई गई थी. इस बीमारी से बचने के लिए छिड़काव के लिए दवा उपलब्ध कराई गई है. संबंधित ग्राम पंचायत अपने स्तर पर छिड़काव कर सकती है.
डा. सी.डी. मालापुरे, पशु वैद्यकीय अधिकारी, गोरेगांव