नगर परिषद की अनदेखी
गोंदिया. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा चलाया गया. इसके तहत 1 अक्टूबर को जहां जिले में ‘एक तारीख एक घंटा स्वच्छता अभियान’ चलाया गया. वहीं शहर में इस स्वच्छता अभियान की कोई हलचल नजर नहीं आ रही है. रोजाना जमा हो रहे कचरे के कारण पूरा गोंदिया शहर कचरे के ढेर पर बैठा हुआ है. इस कचरे से उठने वाली दुर्गंध के कारण क्षेत्र के नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है. खासकर शहर के कुछ हिस्सों में खाली प्लॉट अब ‘डंपिंग यार्ड’ में तब्दील होते जा रहे हैं.
गोंदिया शहर में जहां कूड़े की समस्या पैदा हो गई है, वहीं अब देखा जा रहा है कि यह समस्या शहर के बाहरी इलाकों में भी फैल रही है. खासकर आमगांव रोड पर टोल नाका से लेकर जिला परिषद तक खुले भूखंडों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं और शहर की आंतरिक सड़कें भी गंदगी और कचरे से अटी पड़ी हैं. उल्लेखनीय यह है कि गणेश नगर से सेलटैक्स कॉलोनी तक की सड़क कीचड़ से भरी हुई है और इस कीचड़ में भैंसों और सूअरों का साम्राज्य देखा जा सकता है. वहीं मटन मार्केट क्षेत्र, अंडरग्राउंड रोड, रामनगर क्षेत्र, मरारटोली, बसंत नगर, छोटा गोंदिया आदि इलाकों के खुले स्थानों में जगह-जगह कचरा फैला हुआ है और आवारा कुत्ते, बकरियां और जानवर इस कचरे को चरते नजर आते हैं. गोंदिया नगर परिषद और शहर के नागरिक स्वच्छता सर्वेक्षण को भूल गए हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसका पूरे जिले में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन अभियान से कोई लेना-देना नहीं है. नगर परिषद प्रशासन इस ओर ध्यान दे और शहर के कुछ समझदार नागरिकों की ओर से शहर के नागरिकों के घरों और दुकानों के सामने या पीछे खुले स्थानों पर कूड़ा नजर आने पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
शहर के खाली प्लॉट बन गए ‘डंपिंग यार्ड’
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