गोंदिया. गर्मी का मौसम शुरू होने को है. इस दौरान गांव – बस्तियों में पानी की किल्लत निर्माण न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने तहसील व गांवों के अनुसार कृति प्रारूप तैयार कर लिया है. इसके तहत जनवरी से मार्च की अवधी में जिले में कुल 714 गांवों व बस्तियों में पानी की किल्लत से निपटने के लिए 2312 कार्यों की सूची तैयार की गई है. इन कार्यों में प्रगती पथ पर चल रही जलापूर्ति योजनाओं को पूर्ण करने, नए बोरवेल खोदने, जलापूर्ति योजनाओं की विशेष दुरूस्ती करने, बोरवेलों की मरम्मत करने, कुओं का गहराईकरण, पूरक नल योजना तैयार करने व आवश्यक होने पर टैंकरों से जलापूर्ति करने जैसे कामों का समावेश किया गया है. जिले में प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में अनेक गांवों में पिने के पानी की किल्लत निर्माण होती है. इसे ध्यान में रखते हुए समस्या निर्माण होने से पूर्व ही जनवरी से मार्च के दौरान संभावित किल्लत वाले गांव व बस्तियों की सूची तैयार कर उपाय योजना की जाती है. इस वर्ष इस सूची में गोंदिया तहसील में 110 गांव और 60 बस्तियां, गोरेगांव में 56 गांव व 156 बस्तियां, सड़क अर्जुनी में 63 गांव, तिरोड़ा में 66 गांव व 29 बस्तियां, सालेकसा में 41 गांव, देवरी में 8 गांव व 63 बस्तियों, आमगांव में 57 गांव व 5 बस्तियों का समावेश किया गया है. इस तरह जिले में कुल मिलाकर कृति प्रारूप में जिले के कुल 401 गांवों व 313 बस्तियों का समावेश किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में के संभावित पानी की किल्लत को देखते हुए बनाए गए कृति प्रारूप पर शीघ्र ही काम शुरू होगा. इन कामों में प्रगती पर चल रही 43 जलापूर्ति योजनाओं को पूर्ण करने के साथ ही 705 नए बोरवेल, 96 जलापूर्ति योजनाओं की दुरूस्ती, 1209 बोरवेलों की दुरुस्ती, 207 कुओं व बोरवेलों का गहराईकरण, 7 पूरक नल योजना व 45 निजी कुओं का अधिग्रहण जैसे कार्य पुरे किए जाएंगे. इस तरह कृति प्रारुप के माध्यम से गर्मी के मौसम में संभावित पानी की किल्लत पर मात करने के लिए प्रशासन अभी से अलर्ट मोड पर आ गया है.
1 करोड़ 76 लाख का नियोजन
714 गांवों व बस्तियों में पानी की किल्लत से निपटने के लिए 2312 कार्यों की सूची अनुसार तहसील तथा बस्ती निहाय कामों का नियोजन किया गया है. इस पर 1762 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे. जिले के कुछ भागों में अभी से ही पीने के पानी की समस्या निर्मित होने लगी है. जो मार्च महीने में और भी भीषण हो जाएगी. जिसे ध्यान में रखते हुए विशेष कृति ब्यौरा के माध्यम से पानी की समस्या पर मात की जाएगी.