चरित्र पर शक और गुप्तधन के चक्कर में की निर्मम हत्या
गोंदिया : शहर के चंद्रशेखर वार्ड, श्रीनगर में हुई संध्या कोरे की निर्मम हत्या में उसके बेटे करण महेंद्र कोरे (24) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जांच के दौरान शक की सुई मृतक के बेटे पर टिकी रही. पुलिस पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल किया.
उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुनील ताजने ने बताया कि मृतक संध्या कोरे आमगांव रोड पर खालसा ढाबे में कैशियर का काम करती थी. मृतक का बेटा करण महेंद्र कोरे (24) ये नागपुर में एमआर शीप का कार्य करता था. परंतु, 6 माह से मां और बेटा चंद्रशेखर वार्ड, श्रीनगर में किराए के मकान में रह रहे थे. मृतक के पति की मौत 20 साल पहले बीमारी के चलते हुई. आरोपी करण कोरे की मां मृतक संध्या कोरे काले जादू, गुप्तधन खोजने पर विश्वास करती थी. जिसमें वो जमा रु. अंधविश्वास में खर्च कर रही थी. आरोपी को अपनी मां के चरित्र पर भी शक था. इसी बात को लेकर उनमें विवाद होता रहता था. घटना वाले दिन जब मृतक और उसका बेटा घर मे थे, उसी रात उसने दिल में खुन्नस रखकर रात 3 से 4 के बीच घर में रखी सब्जी काटने की धारदार पावसी उठाकर मां का गला रेता तथा गुस्से में क्रोधित होकर उसके मुंह और शरीर पर वार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी. इस वारदात के दौरान पुलिस को सूचना मिलने पर मृतक की लाश किचन में लहूलुहान पाई गई जबकि आरोपी युवक सोफे में गंभीर अवस्था में बैठा पाया गया. उसके हाथ में घाव था. मृतक के पोस्टमार्टम, अंतिम संस्कार के बाद जब आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने संध्या कोरे की हत्या करने का जुर्म कबूल किया. इस मामले पर फिर्यादी प्रकाश कवडू पाथोड़े (43) की शिकायत पर शहर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया. हत्या की इस गुत्थी को 24 घंटे के भीतर शहर पुलिस, डीबी स्कॉड द्वारा सुलझाने पर पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगळे, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर व एसडीपीओ सुनील ताजने ने पुलिस कर्मियों की सरहाना की.
बेटा ही निकला मां का हत्यारा
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