कृषि केंद्र संचालकों की तीन दिवसीय हड़ताल
गोंदिया. कृषि आदानों की गुणवत्ता पर सरकार के दमनकारी नए कानून के खिलाफ राज्य भर के कृषि सेवा केंद्र 2 से 4 नवंबर तक हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल में जिले के 3 हजार 40 हितधारक शामिल हुए हैं. ऐसे में रबी की बुआई के लिए किसान खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए भटक रहे हैं.
कृषिसेवा केंद्र के मुद्दे पर राज्य में नया बवंडर खड़ा हो गया है. नए कानून का असर कृषि व्यवसाय पर पड़ेगा. कृषि सेवा संगठनों से जानकारी मिली है कि राज्य ने इस कानून को लागू करना शुरू कर दिया है. देश और अन्य राज्यों में अलग-अलग कृषि कानून हैं और महाराष्ट्र राज्य में यह नया कानून क्यों लाया जा रहा है? इसके पीछे सटीक कारण क्या है? ऐसी चर्चा शुरू हो गई है. इस कानून का पुरजोर विरोध करने के लिए कृषि सेवा केंद्र संचालक आक्रामक हो गये हैं और प्राथमिक स्तर पर 2 से 4 नवंबर तक 3 दिनों के लिए जिले के कृषि सेवा केंद्र बंद रहेंगे. इस संबंध में सभी तहसील संगठनों ने तहसील स्तर पर तहसीलदार, कृषि अधिकारी, पुलिस थाने आदि को पूर्व सूचना देकर सूचित कर दिया है. चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार ने इस संबंध में कोई उचित समाधान नहीं निकाला तो कृषि सेवा केंद्र संचालक नए कानून के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा. इस हड़ताल में कीटनाशक विक्रेता, उर्वरक विक्रेता और बीज विक्रेता जैसे 3 हजार 40 हितधारक शामिल हुए हैं. ऐन रबी सीजन की पूर्व संध्या पर हड़ताल शुरू होने के साथ, यह देखा गया कि किसान बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए भागदौड़ कर रहे है.
उर्वरकों, कीटनाशकों के भाग दौड़
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