खर्च जमा करना भूल गए : पांच वर्षों तक नही लड पाएंगे चुनाव
गोंदिया : जिला परिषद, पंचायत समिति के चुनाव में लड़ रहे प्रत्याशियों को चुनाव परिणाम आने के 30 दिन के अंदर खर्चे की जानकारी चुनाव विभाग को देनी पडती हैं. लेकिन इन प्रत्याशियों को इस बारे में याद दिलाने के बाद भी चुनाव खर्च जमा नहीं करने पर विभागीय आयुक्त ने जिले में चुनाव लड़ने वाले 44 प्रत्याशियों के खिलाफ अनुचित कार्रवाई की है. ये उम्मीदवार अगले पांच वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे में इन उम्मीदवारों के यह कहने का समय आ गया है कि वे खर्चा जमा करना भूल गए और चुनाव लड़ने से चूक गए.
जिले में पिछले साल जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव हुए थे. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के कारण दो चरणों में मतदान कराया गया और संयुक्त परिणाम घोषित किए गए. इस चुनाव में जिला परिषद की 53 सीटों पर 322 और पंचायत समिति की 106 सीटों पर 543 प्रत्याशी मैदान में थे. जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. इसके बाद सभी निर्वाचित व चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 30 दिन के भीतर चुनाव अवधि में हुए खर्च का लेखा-जोखा जिला निर्वाचन विभाग को प्रस्तुत करना अनिवार्य है. नहीं तो चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को स्पष्ट निर्देश दे दिया था कि निर्वाचित सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी जायेगी और पराजित प्रत्याशियों पर अगले पांच वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जायेगी. लेकिन इसके बाद भी चुनाव खर्च जमा नहीं करने पर नागपुर विभागीय आयुक्त विजय लक्ष्मी बिदरी ने 44 उम्मीदवारों को अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई की है. इस संबंध में पत्र भी निकाला गया.
क्या बताता है नियम
जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम 1961 की धारा 15 (ब) (1) द्वारा कोई व्यक्ति ने राज्य निवडणुक आयोग ने निश्चित किये गए काल में खर्च जमा नही किया तो उसे अयोग्य व आगे पांच वर्षो तक चुनाव लढने से अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई की जा सकती है. ये अधिकार विभागीय आयुक्त को है.
सुनवाई को भी नही थे उपस्थित
जिला परिषद व पंचायत समिति का चुनाव वर्ष 2021-22 में हुआ. प्रत्याशियों द्वारा खर्च जमा नहीं करने की सुनवाई 24 नवंबर 2022 हुई. लेकिन इस सुनवाई को भी संबंधित प्रत्याशि उपस्थित नही थे. इसलिए 44 प्रत्याशियों को पांच वर्षों के लिए चुनाव लढने से अयोग्य घोषित कराया गया.
कितने दिन मे जमा करना पडता है खर्च
जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव लढने वाले सभी प्रत्याशियों को चुनाव मे किए गए खर्च को चुनाव आयोग को जमा करना पडता है. चुनाव के परिणाम के बाद 30 दिन के अंदर खर्च जमा करना आवश्यक है. अन्यथा, उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी और उन्हें अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
इन प्रत्यशियों पर हुई कार्रवाई
बबिता देवधारी, सकुबाई उईके, विजेंद्र कोडापे, सुरेश टेकाम, हसनलाल टेकाम, डुमन धुर्धे, बबिता गजभिये, साधना गजभिये, डिलेश्वरी बनोटे, देवकाबाई वरकडे, निशा गेडाम, अर्चना नांदगाये, रामेश्वरी बोमचेर, अनिल कोडापे, शालिकराम परतेती, लता इळपाचे, वनिता मडावी, तरुण कनोजिया, भुपेशकुमार गायधने, कृष्णा बावने, गंगाराम बावनकर, विनोदकुमार मेश्राम, विजयकुमार नागपुरे, माधुरी वैद्य, सुरेशा बागड़े, बाबुलाल पंचभाई, विजेंद्रकुमार मेश्राम, दिनेश वाघमारे, मुलचंद भोयर, हिरेंद्र चौधरी, हावसीलाल बोपचे, हरिचंद रहांगडाले, मेघा रंगारी, गजानन रेवतकर, चंद्रकला कटरे, रमन मेश्राम, संदिप सोनवने, वर्षा मलकाम, प्रतिमा सलामे, विना भांडारकर, मिथुन टेंभुर्णे, योगिता सांगोळकर, संतोष मेश्राम, दुर्गा ठाकरे इनका समावेश है.