पुलिस का डर नहीं : सरकारी कानूनों की अवहेलना में पशुओं का परिवहन
गोंदिया : देवरी तहसील में चिचगढ़ और ककोड़ी नक्सल संवेदनशील क्षेत्र हैं. इस क्षेत्र के जंगलों का फायदा उठाकर पशु तस्करों ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. रात 2 बजे से सुबह 5 बजे के बीच इस इलाके से बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी की जाती है. सरकारी नियमों के आधार पर जानवरों की तस्करी अवैध है.
देवरी तहसील जंगल से भरा है. चिचगढ़ से ककोड़ी तक का इलाका अति संवेदनशील है. यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इस कारण नागरिक इस क्षेत्र में ज्यादा घूमते नहीं हैं. जिसका फायदा उठाकर पशु तस्करों ने इस इलाके पर नजर रखे है. इस क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से वाहनों में पशुओं की तस्करी की जा रही है. पुलिस और कुछ संगठनों ने जानवरों को पकड़ लिया था और उन्हें जब्त कर लिया था. अधिनियम के तहत मवेशी तस्करी एक अपराध है. इसे रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की है. लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर तस्करी में शामिल हैं. ककोड़ी-चिचगढ़ के नागरिक मांग कर रहे हैं कि कुछ महीने पहले ज्वाइन करने वाले उपविभागीय पुलिस अधिकारी संकेत देवलेकर इस प्रकार की ओर ध्यान दें और इन जानवरों के अवैध परिवहन को रोकें. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ककोड़ी से चिचगड़ होते हुए आ रहे चिचगढ़ टी प्वाइंट पर 6 पहिया वाहन में अवैध पशुओं को ले जा रहे एक वाहन को पकड़ा. जिसमें 26 जानवर थे. पुलिस ने मामला दर्ज कर ट्रक को पशुओं सहित जब्त कर लिया है. चूंकि इस तरह की बात नियमित हो गई है, इसलिए यह पता लगाने की जरूरत है कि इसमें कौन शामिल है.
जंगली इलाकों में पशु तस्करों की पकड़ मजबूत
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