भीषण गर्मी में मेहनत : मजदूर कर रहे सरकार की नीतियों का विरोध
गोंदिया : महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मजदूरों के लिए आधार मानी जाती है. लेकिन भीषण गर्मी में 8 घंटे काम करने के बावजूद भी मजदूरों को मात्र 150 रु. तक का मेहनताना ही दिया जाता है. सड़क अर्जुनी तहसील के चिचटोला के मजदूरों को 150 रु. तक की मजदूरी दी गई है. जिससे मजदूरों में मनरेगा के प्रति नाराजगी है. वहीं शासन की नीतियों का विरोध भी मनरेगा मजदूरों द्वारा जताया जा रहा है. अल्प मजदूरी मिलने के कारण अनेकों ने काम पर जाना ही बंद कर दिया है.
इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि सड़क अर्जुनी तहसील अंतर्गत अनेक ग्राम पंचायतों के नियंत्रण में मनरेगा के काम शुरू किए गए हैं. चिचटोला ग्राम पंचायत के नियंत्रण में गांव, तालाब मरम्मत तथा छोटे तालाब का काम मनरेगा के तहत किया जा रहा है. इस काम पर 72 पुरुष व 153 महिलाएं मजदूर काम कर रहे हैं. जून माह में इतनी भीषण गर्मी है कि दोपहर 12 बजे के बाद घर से निकलना बंद हो जाता है. इसके बावजूद भी मजदूरों ने घंटे काम कर मनरेगा के कार्यों को पूरा किया है. जब मजदूरों के बैंक खातों पर मजदूरी जमा की गई तो मजदूरों में असंतोष निर्माण हो गया. बताया गया है कि एक दिन का मेहनताना मात्र 150 रु. की दर से जमा किया गया है. वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के नागझिरा अभयारण्य व्याघ्र प्रकल्प व वन विभाग के नियंत्रण में किए जा रहे कामों पर मजदूरों को 390 रु. प्रतिदिन मजदूरी दी जा रही है. कड़ी मेहनत के बावजूद भी हाथ में अल्प मजदूरी दी जाती है. जो मनरेगा मजदूरी मिलने से कई मजदूरों ने मनरेगा के काम पर जाना बंद कर दिया है. तो अनेक मजदूर रोजगार की तलाश में अन्य प्रांतों की ओर पलायन कर रहे हैं.
जितना काम उतना ही दाम
मनरेगा मजदूरों के तहत काम किया जाता है. शासन द्वारा दिए गए मापदंडों के अनुसार किए गए कामों की मजदूरी दी जाती है. फिक्स मजदूरी के दाम नहीं होने के कारण जितना काम उतना ही दाम की शर्त पर मजदूरों के खातों में राशि जमा की जा रही है.
विलास उईके, ग्राम रोजगार सेवक, चिचटोला