आमगांव नगर परिषद का मामला गरमाया
गोंदिया. गोंदिया जिले में आमगांव नगर परिषद की स्थापना का मामला पिछले 9 वर्षों से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और अभी तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं हुआ है. परिणाम स्वरूप नागरिक बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. जिसके तहत 8 गांवों के नागरिकों ने एकजुट होकर देश में आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
नागरिकों की न्यायिक मांग के अनुरूप राज्य सरकार ने 2 अगस्त 2017 को आमगांव में 8 गांवों वाली नगर पंचायत से नगर परिषद की स्थापना को लेकर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था. लेकिन आमगांव शहर के कुछ जन प्रतिनिधियों ने इसे न्यायालय में चुनौती दी. इसमें उच्च न्यायालय, नागपुर ने निर्देश पारित कर नगर परिषद चुनाव स्थगित कर दिए. इस आदेश को दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने एसएलपी (सी) 33590/2017 दायर की और नगर परिषद के संबंध में नागपुर उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन प्राप्त कर लिया. इसलिए पिछले 9 वर्षों से नगर परिषद की स्थापना का मामला राज्य सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. परिणामवरूप नगर परिषद सीमा में आने वाले 8 गांव विकास से वंचित हो गए हैं. आमगांव नगर परिषद संघर्ष समिति के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद की स्थापना के न्यायिक मामले को निपटाने के लिए कई प्रयास किए गए. विरोध प्रदर्शन और मोर्चे आयोजित किए गए. लेकिन मामला नहीं सुलझा. इसलिए नगर परिषद संघर्ष समिति की पहल पर अब आक्रामक रुख अपनाते हुए आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में नागरिकों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भिजवाया है. इस अवसर पर रवि क्षिरसागर, पिंटू अग्रवाल, राजेश शिवणकर, कविता रहांगडाले, मुन्ना गौली, मोरेश पटले, संतोष श्रीखंडे, राजीव गणोरकर, देवानंद बहेकार, झनक बहेकार, मोहन वानखेडे, उत्तम नंदेश्वर, गजानन भांडारकर, पिंकेश शेंडे, सुनंदा येरणे आदि उपस्थित थे.
8 गांवों के नागरिक करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार
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