गोंदिया. भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की बड़ी सभाएं अब खत्म हो चुकी हैं. आज सार्वजनिक चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. 17 अप्रैल की शाम को प्रचार अभियान पर पर्दा गिरेगा और सभी प्रचार गाड़यिों के पहिए थम जाएंगे. जहां दिग्गज नेताओं ने अब दूसरे चरण के संसदीय क्षेत्रों का रुख किया है, वहीं स्थानीय नेता और प्रत्याशियों का जोर मतदाताओं से व्यक्तिगत तौर पर मिलने पर है. प्रत्याशियों ने लोकसभा क्षेत्र के हर गांव में जाने की कोशिश की है.
18 प्रत्याशी मैदान में
भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट के लिए मतदान 19 अप्रैल को होने हैं. इस सीट पर कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होगी. दोनों उम्मीदवार जोरों-शोरों से प्रचार कर रहे हैं. हालांकि गांव-गांव जाकर प्रचार सभाएं लेने में भाजपा प्रचार में आगे नजर आ रही हैं. प्रत्याशियों का जोर क्षेत्र के गांव गांव जाकर मतदाताओं से मिलने पर हैं. भाजपा के प्रचार के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, राज्यसभा सांसद प्रफुल पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले, महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ इस क्षेत्र में आए वहीं कांग्रेस के प्रचार के लिए राहुल गांधी, प्रभारी रमेश चेन्निथला, महासचिव मुकुल वासनिक, प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, बालासाहब थोरात, एनसीपी के जयंत पाटिल और शरद पवार गुट के रोहित पवार आए. किसी भी चुनाव में जाति फैक्टर को महत्वपूर्ण माना जाता है, उम्मीदवार विभिन्न जातियों और धर्मों के नागरिकों की अलग-अलग बैठकें आयोजित करने पर जोर दे रहे हैं. सोशल इंजीनियरिंग कर फिलहाल प्रत्याशियों द्वारा गांव के प्रमुख जाति-धर्म के लोगों को एकजुट कर अपनी ओर खींचने का प्रयास किया जा रहा है. कुणबी समाज में वोटों का बंटवारा होने के आसार हैं. जिसका सीधा फायदा झाडे कुणबी समाज के भाजपा उम्मीदवार को हो सकता है.
हाईटेक प्रचार पर फोकस
चुनाव में उम्मीदवार पहले से कहीं ज्यादा हाईटेक प्रचार पर फोकस कर रहे हैं. इसमें वाट्सएप, फेसबुक आदि माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है. कई प्रत्याशियों ने अपने परिचय और विकास कार्यों की जानकारी देते हुए ऑडियो और वीडियो क्लिप तैयार की है. यह प्रत्याशी इन ऑडियो कॉल के जरिए अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. प्रत्याशियों के पास समय कम है, इसलिए एक ही दिन में 10 से 20 और कभी-कभी इससे भी अधिक गांवों का दौरा किया जा रहा है. भीषण गर्मी में भी अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है. प्रत्याशियों द्वारा गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं व बैठकें की जा रही हैं. सभाओं के जरिए मतदाताओं को तरह-तरह से आश्वासन देकर खुश करने की कोशिश की जा रही है.