अदालत के समक्ष 13 गवाहों की गवाही दर्ज कराई
गोंदिया. 17 वर्षीय पीड़िता अपनी मां की मृत्यु के बाद अपने पिता और सौतेली मां के साथ रह रही थी. इसी बीच सितंबर 2019 में वह आरोपी के यहां मेहमान बनकर अपनी मौसी के घर गई. आरोपी मौसा ने उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपी को 13 दिसंबर को प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायालय ने 23 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. यह सुनवाई मुख्य जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश ए.टी. वानखेडे ने की.
अपनी मौसी के घर मेहमान बनकर गई पीड़िता के अकेलेपन का फायदा उठाकर आरोपी ने जब घर पर कोई नहीं था उस समय उसके साथ दुष्कर्म किया था. उसने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया. कुछ दिनों के बाद परिवार को पता चला कि वह तीन से चार महीने की गर्भवती है और पीड़िता ने अप्रैल 2020 में अर्जुनी मोरगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई. तत्कालीन जांच अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक पी.डी. भुते ने विस्तृत जांच की और आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया. इस मामले में आरोपी के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए सरकार/पीड़ित पक्ष की ओर से विशेष सरकारी वकील कृष्णा डी. पारधी ने अदालत के समक्ष कुल 13 गवाहों से पूछताछ की और बचाव पक्ष के 2 गवाहों से जिरह की. आरोपी के वकील और सरकारी वकील की विस्तृत दलीलों के बाद प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश ए.टी. वानखेड़े ने आरोपी के खिलाफ सरकारी पक्ष के साक्ष्य, फोरेंसिक जांच रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट को स्वीकार कर आरोपी अशोक ऋषि मेंडे को सजा सुनाई. इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले और पुलिस निरीक्षक विलास नाले के मार्गदर्शन में पुलिस हवलदार किष्णकुमार अंबुले ने उत्कृष्ट कार्य किया.
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 23 वर्ष का सश्रम कारावास
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